खिदमत : बदली व्यवस्था में बदल गए खादिम, पांच नामों पर चली कैंची


✍️ विशेष संवाददाता 

भोपाल। कार्यालयीन व्यवस्थाओं में बदलाव के साथ कुछ जरूरी परिवर्तन होना सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन प्रदेश हज कमेटी ने हाजियों की खिदमत के लिए भेजे जाने वाले खादिम उल हुज्जाज के नामों में ऐन वक्त पर बदलाव कर दिया है। करीब 5 खादिमों के नाम ऐन मौके पर बदल दिए जाने से जहां हज व्यवस्था में दिक्कत आ सकती है, वहीं नए खादिमों को बिना तैयारी पहुंचने से कई परेशानियां भी आएंगी।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश हज कमेटी ने प्रदेश के हज कोटे के मुताबिक करीब 12 खादिमों का चयन किया था। प्रदेशभर से आए करीब 65 आवेदनों में से चुने गए इन 12 खादिमों के अलावा 3 आवेदकों को रिजर्व कैटेगिरी में रखा गया था। गोरतलब है कि 7 मई को किए गए खादिम उल हुज्जाज के समय कमेटी की व्यवस्था प्रभारी सीईओ यासिर अराफात के पास थी। इस चयन के लिहाज से खादिमों को मुंबई स्थित सेंट्रल हज कमेटी में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका था।

फिर बदल गई सूची

खादिम उल हुज्जाज के चयन के कुछ ही समय बाद हज कमेटी का प्रभार मप्र वक्फ बोर्ड में पदस्थ हुए सीईओ सैयद शाकिर अली जाफरी को सौंप दिया गया। इसके चलते हज की अन्य व्यवस्थाएं नए प्रभारी ने सम्हाल ली। सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले, जब हाजियों की रवानगी का सिलसिला शुरू हो चुका है, ऐसे समय में खादिम उल हुज्जाज की चयनित सूची में बदलाव कर दिया गया है। बताया जाता है कि चुने गए 12 लोगों में से करीब पांच खादिमों के नाम बदल दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि बदले गए इन पांच नामों के स्थान पर आरक्षित श्रेणी में रखे गए तीन आवेदकों को समायोजित किया जा रहा है। जबकि बाकी दो नामों के लिए अन्य व्यवस्था करने की हज कमेटी की तैयारी है।

आपत्ति उठी थी सूची पर

सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भर से आए आवेदनों में चुने गए 12 खादिमों में करीब 8 नाम भोपाल के शामिल थे। जबकि बाकी 4 नाम प्रदेश के अन्य शहरों से रखे गए थे। आरक्षित श्रेणी के 3 नामों को भी गोपनीय रखते हुए इनके मूल पदस्थापना का शहर जाहिर नहीं किया गया था। एक ही शहर से एकमुश्त लोगों को खादिम उल हुज्जाज के रूप में भेजे जाने को लेकर कई आवेदकों ने आपत्ति जताई थी। ऑल इण्डिया हज वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मुकीत खान ने इसको लेकर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल से शिकायत भी की थी।

कौन बनता है खादिम

सऊदी अरब में हज के दौरान हाजियों की खिदमत के लिए प्रति 150 हाजी एक खादिम भेजा जाता है। हज कमेटी के बजट से भेजे जाने वाले इन खादिमों का चयन ऐसे शासकीय सेवकों में से किया जाता है, जो एक बार हज या उमराह कर चुके हों और जिन्हें अरबी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हो।


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