पार्टी से छिटके, विकास को लेकर मांगेंगे वोट : राजधानी में बागियों के हौसले बुलंद


  • कोई महापौर, कोई पार्षदी के लिए ठोक रहा ताल

✍️ राजनीतिक संवाददाता

भोपाल। बरसों अपनी वफादारी के नतीजे पार्टी से मिलने वाली बेवफाई ने कई पार्षद उम्मीदवारों को बागी बना दिया है। कुछ आजाद उम्मीदवार के तौर पर और कुछ छोटी पार्टियों से हाथ मिलाकर अपनी मंशा पूरी कर रहे हैं। दावा ये है कि काम किया है, काम कर सकते हैं, काम करने का हौसला है, तो किसी तयशूदा पार्टी या उसके सिंबल की मजबूरी क्यों?


राजधानी के वार्ड 22 से दो बार पार्षद रह चुकीं रईसा मलिक को कांग्रेस से दरकिनार किया तो उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा। नई पार्टी ने उन्हें महापौर प्रत्याशी के तौर पर पेश करने का आश्वासन दिया। लेकिन तेजी से चले सियासी घटनाक्रम ने उन्हें इस दावेदारी से बाहर कर दिया। मलिक ने अपना इरादा कायम रखा और इस चुनाव में मौजूदगी बरकरार रखते हुए उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। चुनाव चिन्ह नल के साथ वे महापौर प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। हौसला अपने पार्षद कार्यकाल में किए गए मुहल्ला विकास के काम और सबसे बेहतर व्यवहार का है।

पुराने शहर में लंबी पार्षदी पारी खेल चुके शाहिद अली इस बार अपनी पत्नी के लिए वार्ड 9 से टिकट चाहतमंद थे। पिछली परिषद में इसी वार्ड से पार्षद रह चुकीं शबाना शाहिद अली को जब कांग्रेस से निराशा हाथ लगी तो उन्होंने आम आदमी पार्टी की झाड़ू को अपना हथियार बनाया है। इसी तरह वार्ड 41 में वार्ड के कामों के अलाव कोरोना काल में जनसेवा करके शहर में अपनी खास पहचान बनाने वाले रेहान गोल्डन को भी इस बार कांग्रेस ने नाराज किया। नतीजा यह है कि वे इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खम ठोक रहे हैं।

बागियों की लंबी कतार

राजधानी के कुल 85 वार्ड के लिए कुल 810 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे। नाम वापसी के आखिरी दिन बुधवार को इनमें से 380 आवेदकों ने नाम वापस लिए हैं। इसके बाद भी शहर के 85 वार्ड के लिए 398 उम्मीदवार अब भी मैदान में हैं। इधर शहर के प्रथम नागरिक बनने की होड़ में भाजपा कांग्रेस के अलावा 6 और महिला उम्मीदवार चुनावी समर में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इनमें भाजपा की मालती राय, कांग्रेस से विभा पटेल, बसपा से प्रिया यदुवंशी मकवाना, जेडीयू से मंजू यादव, जयलोक पार्टी से संगीता प्रजापति और निर्दलीय उम्मीदवार रईसा मलिक और सीमा नाथ मैदान में हैं।

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