बाल मन : फिल्मी गीतों और रेप सॉन्ग पर भारी दिखा "जन गण मन..!"


  • ZEE टीवी के लिटिल चैंप में इबाद जफर ने बांधा समां

भोपाल। कोई पक्के सुरों वाले गीत के साथ मौजूद था, तो किसी ने नए फिल्मी गीत को अपना आधार बनाया और किसी ने रैप सांग से अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इन सबके बीच प्रतिभागियों में सबसे कम उम्र रखने वाले एक मासूम के मुख से देश का राष्ट्रीय गान "जन गण मन..." गूंजा और महफिल स्तब्ध रह गई। बाल अवस्था का कॉन्फिडेंस और प्रस्तुति के लिए चुने गए गीत ने इस मासूम इबाद जफर के लिए तारीफों और वाहवाही भरी तालियों की झड़ी लगा दी।

कार्यक्रम जी टीवी के प्रसिद्ध कार्यक्रम सा रे गा मा पा के लिए लिटिल चैंप चुनने के लिए आयोजित किया गया था। प्ले स्कूल, नर्सरी और केजी स्टैंडर के दर्जनों बच्चों ने इसमें शिरकत की। हर बच्चा अपनी उम्र, तजुर्बे और शौक के लिहाज से एक बेहतर प्रसूति के साथ पहुंचा था। इन्होंने अपने गीतों से आयोजकों और श्रोताओं का मन मोहा और प्रतियोगिता में आगे जाने के रास्ते प्रशस्त किए। इन सब पार्टिसिपेंट्स में सबसे कम उम्र का बच्चा चार साल का इबाद जफर भी मौजूद था। मम्मी पापा की व्यस्तताओं को दरकिनार कर करीब 6 घंटे अपने स्कूल टीचर्स के साथ रुके रहने का हौसला इबाद ने दिखाया। जब प्रस्तुति का मौका आया तो उसने जन गण मन... के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। कंटेंटेस्ट के लिए पहुंचे जी टीवी के प्रतिनिधियों ने इबाद के कॉन्फिडेंस की दिल खोलकर तारीफ की। साथ ही तात्कालिक तौर पर उसे गिफ्ट भी दे डाला। हालांकि प्रतियोगिता का परिणाम फिलहाल घोषित नहीं किया गया है।

टीचर्स का है लाड़ला

लॉक डाउन के चलते स्कूल पहुंचने में लेट हुए इबाद ने अपने घर को ही स्कूल बना लिया था और वहीं से अपनी प्रारंभिक शिक्षा शुरू कर दी थी। ओरेंजेस पब्लिक स्कूल में ने अपनी शैक्षणिक पारी शुरू की तो बाकी बच्चों से ज्यादा ज्ञान, सेल्फ कॉन्फिडेंस और हाजिर जवाबी ने उसे सभी टीचर्स का दुलारा बच्चा बना दिया है। स्कूल में होने वाली प्रेयर टाइम में इबाद अपनी उम्र के बच्चों को जन गण मन... पाठ कराते हैं। उनके इसी कॉन्फिडेंस ने स्कूल प्रबंधन को उन्हें इस बड़ी प्रतियोगिता में शामिल करने के लिए प्रेरित किया।

गुनगुनाता रहता है इबाद...

पिता तनवीर जफर और माता ऐमन बेटे इबाद की इस उपलब्धि से फूले समा रहे हैं। वे बताते हैं कि इबाद स्कूल से मिले हर टास्क को घर में गंभीरता से दोहराते रहते हैं। जब उन्हें स्कूल के स्टेज से अपने साथियों को जन गण मन... पढ़ाने की जिम्मेदारी मिली तो वे घर में भी इसकी लगातार प्रैक्टिस करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के मायने सिर्फ विनर होना या अवार्ड जीतना नहीं होता, बल्कि ऐसे मौके हमारे बच्चों को स्वस्थ्य कंपीटिशन की तरफ बढ़ाते हैं। तनवीर जफर और ऐमन ने स्कूल प्रबंधन और जी टीवी की टीम का शुक्रिया अदा किया है, जिन्होंने इबाद को एक मंच प्रदान किया।

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