पेंशन सत्याग्रह न्याय यात्रा ने खड़ा किया पुरानी पेंशन बहाली का एक बड़ा आंदोलन


✍️सैयद रिजवान अली 

  • आज जिलों में और 9 अक्टूबर को राजधानी भोपाल में जंगी प्रदर्शन 
  • कर्मचारियों का सवाल - जब गैर भाजपा शासित राज्य सरकारें पेंशन बहाली कर चुकीं है, तो प्रदेश की शिवराज सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? 

धार (मध्य प्रदेश)। कर्मचारियों के बल पर लगातार सरकार बनाने में सफल रहने वाली शिवराज सरकार के लिए आने वाला समय कठिनाइयों से भरा रहने वाला है। मध्य प्रदेश के हर विभाग का कर्मचारी इस समय पुरानी पेंशन की मांग पर आंदोलित है। शिवराज जी जिस अध्यापक संवर्ग को अपना वोट बैंक मानते रहे इस समय वही उनके विरोध में प्रदेश भर में न्याय यात्रा निकाल एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने जा रहा है। राज्य शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव द्वारा निकाली जा रही पेंशन सत्याग्रह न्याय यात्रा की जिलों में इकट्ठी हो रही भीड़ ने आंदोलन के भयंकर होने के संकेत दे दिए है। राज्य शिक्षक संघ ने आज 25 सितंबर को प्रत्येक जिला स्तर पर और 9 अक्टूबर को भोपाल में प्रदर्शन की घोषणा की है।


चार साल से अटके मामले 

राज्य शिक्षक संघ म प्र के प्रांताध्यक्ष जगदीश यादव ने बताया कि हमारी मुख्य मांग पुरानी पेंशन की बहाली हैं।परंतु विगत चार साल से शिक्षकों की वरिष्ठता के मामले को सरकार ने उलझा रखा है।राज्य शिक्षा सेवा के गठन 2018 से अब तक वरिष्ठता को ही परिभाषित नही कर पाई है सरकार,जिसके कारण शिक्षकों में आक्रोश और अनिश्चितता की स्थिति है।वही क्रमोन्नति-पदोन्नति, अनुकंपा और नवनियुक्त शिक्षकों की परिवीक्षा और पूर्ण वेतन पर भी सरकार मौन है।

अन्य राज्यो ने दी पेंशन

देश के गैर भाजपा शासित राज्यों छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड ने अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। इससे प्रदेश के आंदोलित शिक्षक भी मानते है कि प्रदेश सरकार ऐसा क्यो नही कर सकती।वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी अनेकों स्थानों पर सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर दी है। संघ के जिला अध्यक्ष देवेन्द्र सोलंकी और जिला संयोजक योगेंद्र पाण्डेय ने बताया की दिनांक 25 को जिले मे रैली निकालकर ज्ञापन दिया जाएगा। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी योगेश चौहान ने दी। 

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