वक्फ बोर्ड चुनाव स्थगित, रिटर्निंग अधिकारी का इस्तीफा, दो की नियुक्ति पर मांगा जवाब


  • नए चुनाव अधिकारी करेंगे तैयारी, तब तक रुकी रहेगी प्रक्रिया

✍️खान अशु

भोपाल। जबलपुर हाईकोर्ट ने मप्र वक्फ बोर्ड चुनाव को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। अदालत के आदेश पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने चुनाव अधिकारी दाऊद अहमद खान का इस्तीफा ले लिया है। इसके साथ ही नियुक्त किए गए दो सदस्यों की नियुक्ति का आधार दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

जबलपुर हाईकोर्ट में मंगलवार की सुनवाई के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को किरकिरी का सामना करना पड़ गया। अदालत की आपत्ति के बाद चुनाव अधिकारी दाऊद अहमद खान का इस्तीफा ले लिया गया है। 

सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट में वक्फ बोर्ड चुनाव की विभिन्न याचिकाओं पर लंबी बहस हुई। इस दौरान रतलाम के याचिकाकर्ता याह्या खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने वक्फ बोर्ड चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी दाऊद अहमद खान को दी गई जिम्मेदारी पर सवाल उठा दिया। अदालत ने इस हालत को सरकारी अधिकारियों की कंगाली होने की बात कही। दाऊद अहमद खान पर प्रचलित मामलों का जिक्र करते हुए अदालत ने उन्हें तत्काल इस जिम्मेदारी से मुक्त करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि अदालत के इस आदेश के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने तत्काल प्रभाव से दाऊद अहमद से इस्तीफा ले लिया है। अब उनके स्थान पर नए चुनाव अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।

मेंबरों पर भी सवाल

मप्र वक्फ बोर्ड गठन के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सामाजिक श्रेणी से डॉ सनवर पटेल और धार्मिक उलेमा की केटेगिरी से मेहबूब हुसैन की नियुक्ति की गई है। अदालत ने इन दोनों मेंबरों की नियुक्ति के आधार और इनकी योग्यता को लेकर विभाग से जवाब तलब करते हुए इसे संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है।

स्थगित रहेगी चुनावी प्रक्रिया

मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद अब अगले दो सप्ताह चुनावी प्रक्रिया रुकी रहेगी। इस दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को नया चुनाव अधिकारी नियुक्त करना है। इसके अलावा नियुक्त किए गए सदस्यों के दस्तावेज भी अदालत में पेश करना होंगे।

मसूद की याचिका से आया ट्विस्ट

मप्र वक्फ बोर्ड चुनाव में वास्तविक ट्विस्ट उस समय आया, जब इस प्रक्रिया पर विधायक आरिफ मसूद ने सवाल खड़ा करते हुए अदालत का रुख कर लिया। मसूद की याचिका के बाद नामांकित किए गए सभी मेंबरों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को मंगलवार के आदेश के बाद अब तक की गई सभी नियुक्तियों पर पुनर्विचार करने के हालात बन गए हैं।

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