हंगामे की भेंट चढ़ा MP विधानसभा का मानसून सत्र, दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
- विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों ने आसंदी के सामने जमकर मचाया हंगामा
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र पोषण आहार योजना में कथित अनियमितताओं एवं अन्य मुद्दों को लेकर मचे हंगामे के बीच बृहस्पतिवार को निर्धारित समय से दो दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
तेरह सितंबर से शुरू हुए इस पांच दिवसीय सत्र को 17 सितंबर तक चलना था और इसमें कुल पांच बैठकें होनी थी, लेकिन यह तीसरे दिन में ही भोजनावकाश से पहले समाप्त हो गया। इन तीन दिनों में सदन मात्र करीब पांच घंटे ही चला, जिसमें से अधिकांश समय राज्य में पोषण आहार पर हुए कथित घोटाले और कांग्रेस के कुछ सदस्यों को सुरक्षा कर्मियों द्वारा तख्तियों के साथ सदन में आने से रोकने को लेकर हंगामा ही होता रहा।
बृहस्पतिवार को प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से पोषण आहार योजना में कथित अनियमितताओं पर महालेखाकार की रिपोर्ट पर 15 कांग्रेस सदस्यों द्वारा दो दिन पहले दिये गये स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की।
कुछ अन्य कांग्रेस विधायकों ने उनकी मांग का समर्थन किया, जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक दिन पहले ही पोषण आहार योजना के इस मुद्दे पर अपन बयान सदन में दे चुके हैं।
हालांकि, विपक्षी विधायकों के साथ-साथ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर शोर मचाया, जिसके कारण अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद दोनों पक्षों के सदस्यों ने इस मुद्दे को लेकर फिर हंगामा किया। इसके बाद कार्यवाही शून्यकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद सदन की बैठक शून्यकाल के लिए शुरू हुई। लेकिन पोषण आहार योजना का मुद्दा एक बार फिर उठा। इसके अलावा, इसी बीच कांग्रेस के आदिवासी विधायक पांचीलाल मेडा अपनी शर्ट की बटनें खोलकर यह कहते हुए आसंदी के पास आ गए कि विधानसभा के द्वार पर सुरक्षा कर्मियों द्वारा कल (बुधवार को) उनके साथ किये गये दुर्व्यवहार के लिए वह न्याय चाहते हैं।
मेडा ने दावा किया कि उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने विधानसभा परिसर के प्रवेश द्वार पर रोका था और हाथापाई की थी, जिससे उसके हाथ में चोट भी आई।
इसके बाद, विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायक भी आसंदी के सामने आ गए और हंगामा करने लगे। अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को अपने-अपने स्थान पर जाने को कहा, लेकिन वे अपनी सीटों पर नहीं गये। नारेबाजी और शोरशराबे के बीच अध्यक्ष ने दैनिक कार्य सूची में शामिल सभी अन्य विषयों को आनन-फानन में पूरा करने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
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