आलमी तबलीगी इज्तिमा : हजारों लोग गटक गए यूनानी काढ़ा, इम्यूनिटी बढ़ाने की दवाओं के लिए भी लंबी कतार


  • इज्तिमागाह पर मिल रहा हर पैथी का इलाज, सरकारी और निजी अस्पतालों के दर्जन भर निशुल्क कैंप
  • दूसरे दिन भी चलता रहा तकरीर का दौर

भोपाल। कोरोना काल बहुत पीछे छूट गया है, लेकिन इसके भावी खतरों को लेकर एहतियात का दौर अब भी जारी है। इसी धारणा को आलमी तबलीगी इज्तिमा में भी अपनाया जा रहा है। यही वजह है कि यहां इज्तिमा में हजारों लोगों को यूनानी काढ़ा पिलाया जा चुका है। इसके अलावा भी इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दवाओं के लिए भी मेडिकल कैंप पर लंबी कतारें लग रही हैं। इधर सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा तैयार किए गए दर्जन भर से ज्यादा कैंप में भी लोग सर्दी, खांसी, बुखार आदि की समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं। आलमी तबलीगी इज्तिमा के दूसरे दिन भी दिनभर उलेमाओं की तकरीरों का दौर जारी रहा। रविवार की छुट्टी होने और सोमवार को होने वाली दुआ ए खास के चलते लोगों की आमद का सिलसिला तेज हो गया है।


इज्तिमागाह पर पहुंचीं हजारों जमातों में शामिल लाखों लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और किसी तरह की आकस्मिकता के मद्देनज़र बड़ी तादाद में मेडिकल कैंप लगाए गए हैं। इनमें सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों के शिविर शामिल हैं। जयप्रकाश अस्पताल द्वारा संचालित शिविर कई बड़ी सुविधाओं के साथ मौजूद है। 10 बेड के इस शिविर में ऑक्सीजन, नियुमोलाइजर, ईसीजी से लेकर बीपी और शुगर चेक करने के इंतजाम हैं। 108 एंबुलेंस सेवा के साथ यहां हर समय 4 डॉक्टर मौजूद हैं। शिविर व्यवस्थापकों ने बताया कि इस कैंप में सर्दी, खांसी, लूज मोशन, बीपी और शुगर के पेशेंट ज्यादा पहुंच रहे हैं। यहां अब तक करीब 762 मरीज पहुंचे हैं, जिनका मुफ्त चेकअप और दवाई वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस शिविर से 3 मरीजों को हमीदिया अस्पताल भेजा गया। इन्हें हार्ट और आई एंजुरी की शिकायत थी।

ये चूल्हा इज्तीमा के समापन पर ही ठंडा होगा...

आयुष विभाग द्वारा लगाए गए कैंप में यूनानी काढ़ा तैयार करने के बड़ा कढ़ाव चूल्हे पर रखा गया है। बड़ी संख्या में पहुंच में यहां पहुंच रहे जमतियों ने अब तक करीब 7 हजार से ज्यादा काढ़ा पिया है। व्यवस्था संभाल रहे डॉ मोहम्मद आजम खान और डॉ शाहिद खान ने बताया कि कैंप से इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़े के अलावा खमीरा और शरबत भी वितरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी दवाओं के लिए लोगों की लंबी कतारें सुबह से देर रात तक लग रही हैं। यहां आने वाले मरीजों में पेट की तकलीफ, स्किन प्रॉब्लम, सर्दी, बुखार आदि के मरीज ज्यादा हैं।

इनकी मंशा, कोई भूखा न रहे...


इज्तिमागाह पर बने चार दर्जन से ज्यादा फूड जोन में सस्ते दामों पर खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। राजधानी भोपाल के कई बिरादरियों, समाजों और संस्थाओं के अलावा कई शहरों के फूड स्टॉल यहां मौजूद हैं। जिनमें नो प्रॉफिट के सूत्र पर भरपेट दाल चावल 40 रुपए में और वेज बिरियान के साथ जर्दा 50 रुपए में उपलब्ध कराया जा रहा है। बाकी खाने के जोन भी इन्हीं दामों पर सब्जी रोटी आदि मुहैया करा रहे हैं। यहां पानी की बोतल 6 रुपए में और चाय 5 रुपए में उपलब्ध है। फूड जोन संचालकों का कहना है कि वे स्टॉल महज खिदमत के लिए इस नीयत से संचालित कर रहे हैं कि इज्तिमा में आने वाला कोई भी व्यक्ति भूखे पेट न रहे। 

.... अगर कुछ गुम हो जाए!


इज्तिमागाह पर मौजूद बड़े मजमे में लोगों के सामान की गुमशुदगी के हालात भी बन रहे हैं। जिसको व्यवस्थित करने के लिए यहां 7 केंद्र स्थापित किए गए हैं। गुमशुदा सामान केंद्रों पर अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों का सामान पहुंचा है, जिनको तस्दीक के बाद इनके वास्तविक मालिकों को सौंप दिया गया। इन केंद्रों के व्यवस्थापक ने बताया कि इस व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए करीब 1500 वालेंटियर्स तैनात किए गए हैं, जो पूरे क्षेत्र में सतत निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक मिलने वाले सामानों में सबसे ज्यादा मोबाइल फोन और घड़ियां हैं, जिन्हें लोग वजू खाना और बाथरूम या टॉयलेट के आसपास भूल गए थे। इसके अलावा कई लोगों के पर्स और नगद राशि भी निगरानी करने वालों को मिली, जिन्हें उचित तफ्तीश कर उनके असल मालिकों तक पहुंचा दिया गया है।

हाथ में तस्बीह, बगल में मुसल्ला...

शहर से दूर एक सुनसान इलाके में एक अलग ही दुनिया बसी हुई है। यहां हर तरफ टोपी लगाए लोग दिखाई दे रहे हैं। हाथों में तस्बीह, बगल में मुसल्ला लिए और जुबां पर अल्लाह का नाम लेते हुए ये जमाती इबादतों में मशगूल हैं। सुबह से देर रात तक चलने वाली तकरीरों के अलावा यहां मशविरा, तालीम और जमातों में निकलने के तरीके समझाए जा हैं। चार दिन के इज्तिमा में शरीक होने आए लोगों का फिलहाल दुनिया और दुनियावी हालात से कनेक्शन टूटा हुआ महसूस हो रहा है।

सारादिन चला तकरीर का दौर


देशभर से आए बयान ओ तकरीर का दौर इज्तिमा के दूसरे दिन भी जारी रहा। सुबह फजिर की नमाज के बाद मौलाना शौकत साहब ने बयान करते हुए इंसानियत के लिए नर्मदिली का मामला रखने की ताकीद की। उन्होंने कहा कि तुम इंसानों पर रहम करो तो अल्लाह तुम्हारे साथ रहम का मामला फरमाएंगे। उन्होंने कहा कि आज इंसान कुरान की तालीम से गुमराह हो गया है। इसी वजह से कई मुश्किलों में खुद को घिरा हुआ पा रहा है।  

दीन का रास्ता सच्चा

जोहर की नमाज के बाद मौलाना इकबाल हफीज ने अपनी बात में कहा कि दीन का रास्ता सच्चा है, बाकी सब गुमराह करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में जिंदगी बिताने का हर तरीका इस्लाम ने सिखाया है, लेकिन इस रास्ते से लोग भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिंदगी बिताने का कुरान का बताया रास्ता ही जिंदगी की कामयाबी की सीढी है, इससे ही आखिरत की जिंदगी संवर पाएगी।

अब नहीं आएगा कोई पैगंबर

असीर की नमाज के बाद मुख्तसिर बात करते हुए मौलाना इलियास साहब ने कहा कि इस्लाम में कई पैगंबर आए और उन्होंने दीन की बात लोगों तक पहुंचाई। हजरत मोहम्मद सअ के बाद ये सिलसिला बंद हो गया है। लेकिन इस्लाम की अच्छी बातों को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अब आपके हमारे जिम्मे है। जमातों, मुलाकातों और इज्तिमा के जरिए इसी बात की मेहनत की जा रही है। नबियों के इस काम को करने में आने वाली मुश्किलों से घबराने की बजाए हमें उन तकलीफों का ख्याल करना चाहिए, जो हमसे पहले नबियों ने इस्लाम के लिए उठाई हैं।


अच्छी बात सब तक पहुंचाना भी ईमान का हिस्सा

मगरिब की नमाज के बाद मौलवी शाअद साहब कंधालवी की तकरीर हुई। बड़े मजमे को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास जो बेहतर है, वह लोगों तक पहुंचे और उसको भी इससे फैज हासिल हो, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। हमें कोशिश करना चाहिए कि भलाई की बात, बेहतरी की बात और किसी के काम आने वाले नुस्खे खुद के पास महदूद रखने की बजाए इसको आगे बढ़ाकर इसमें इजाफा करें। शाअद साहब ने कहा कि अब दौर आसान हो चुका है, नए दौर की टेक्नोलॉजी बेहतरी को फैलाने में मददगार हो सकती है। उन्होंने लोगों से अच्छे अखलाक, किसी का दिल न दुखाने और सबके लिए बेहतरी के काम करते रहने की ताकीद भी की।


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