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Showing posts from December, 2022

दिल्ली लौटे PM मोदी : मां हीराबा पंचतत्व में विलीन

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अंतिम सफर :  -PM मोदी मां की पार्थिव देह कंधे पर लेकर गांधी नगर स्थित घर से निकले -यात्रा के दौरान शव वाहन में ही पार्थिव देह के करीब बैठे रहे -मुखाग्नि के दौरान मां को एक टक निहारते रहे अहमदाबाद(गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा शुक्रवार सुबह 9:26 बजे पंचतत्व में विलीन हो गईं। नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम सफर के दौरान वे मां की पार्थिव देह कंधे पर लेकर गांधी नगर स्थित घर से निकले। यात्रा के दौरान वे शव वाहन में ही पार्थिव देह के करीब बैठे रहे। मुखाग्नि के दौरान वे मां को एक टक निहारते रहे। इससे पहले देर शाम प्रधानमंत्री एक बार फिर गांधी नगर स्थित अपने घर गए और परिवार के लोगों के साथ करीब 20 मिनट बिताने के बाद दिल्ली लौट गए। हीराबा मोदी का शुक्रवार तड़के 3:30 बजे यूएन मेहता अस्पताल में निधन हुआ। वे 100 साल की थीं। मंगलवार देर रात सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कफ की शिकायत भी थी। मोदी ने खुद ही निधन की जानकारी ट्वीट के जरिए दी। इसके बाद सुबह 7:45 बजे अहमदाबाद पहुंचे। यहां से वे सीधे गांधीनगर के रायसण गांव में भा

पत्रकार सैय्यद रिजवान अली की वालदा हज्जानी महमूदा बी का इंतेक़ाल

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सोशल मीडिया पर शोक संवेदना एवं श्रद्धांजलि अर्पित करने का सिलसिला जारी  बाकानेर (धार)। स्थानीय   इंदिरा कालोनी निवासी   हाजी काजी सैय्यद हमीदुद्दीन साहब की बीवी एवं पत्रकार सैय्यद रिजवान अली व सैय्यद अखलाक अली की वालदा हज्जानी महमूदा बी  (75वर्ष) का  इंतेक़ाल हो गया है। आज बाद नमाज ए ईशा के बाकानेर के कब्रिस्तान में तदफिन किया जाएगा। इंतेक़ाल की खबर मिलते ही समूचे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जाता है कि हज्जानी महमूदा बी की तबीयत कुछ समय से खराब थी। पहले उन्हें बड़वानी के अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया गया। इसके बाद गुजरात के बड़ौदा स्थित हास्पिटल में उनकी सफलतापूर्वक सर्जरी की गई, लेकिन नियती को कुछ और मंजूर था। परिवारजन जब उन्हें घर लाने के लिए उत्सुक थे तभी बीती रात उन्हें मायनर अटैक आया और वे इस दुनिया ए फानी को अलविदा कह गई। सप्तग्रह परिवार दुख की इस घड़ी में सय्यद परिवार के साथ है और मरहूमा हज्जानी महमूदा बी को खिराज ए अकीदत पेश करता है। 

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस

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विधानसभा प्रमुख सचिव को सूचना का पत्र सौंपा ✍️ राजनीतिक संवाददाता  भोपाल । मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार को घेरने कांग्रेस शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। 19 दिसंबर से शुरू हो रहे पांच दिवसीय सत्र के हंगामेदार होने क आसार है। कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह को अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में सूचना से संबंधित पत्र सौंपा। शर्मा ने कहा कि 19 दिसंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। दो साल से प्रदेश में जिस तरह से बीजेपी की सरकार चल रही और कैबिनेट काम कर रहा है। इस दौरान किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी वर्ग परेशान है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने तय किया है कि सत्र में इस सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। डॉ. गोविंद सिंह की तरफ से सूचना प्रमुख सचिव विधानसभा एपी सिंह को दी गई है। शर्मा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री इस पर चर्चा कराएंगे। कांग्रेस प्रदेश में भ्रष्टाचार समेत अन्य मुदों पर अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से उत्तर मांगे

Nashra Ceremony : तेरी हिम्मत तेरी लड़ाई से जानी जाएगी और तेरी किस्मत तेरी पढ़ाई से जानी जाएगी

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होनहार बालक मोहम्मद सोहेल शेख  ✍️ मोहम्मद शाद शेख  भोपाल । उक्त शीर्षकीय पंक्तियों को चरितार्थ किया है राजधानी भोपाल के होनहार बालक मोहम्मद सोहेल शेख पिता मोहम्मद अनीस शेख ने।  पिता मोहम्मद अनीस शेख के साथ सोहेल  बालक मोहम्मद सोहेल शेख ने हाल ही में पवित्र धार्मिक ग्रंथ कुरान का अध्ययन पूरा किया है जिसकी खुशी में उनके समाज सेेवी एवं कांंट्रैक्टर पिता ने एक शानदार और यादगार दावात का आयोजन हवेेली गार्डन में किया, जिसमें उन्होंने अपने तमाम दोस्त और रिश्तेदारों को आमंत्रित कर अपनी खुशियों में शामिल किया।  नश्रा सेरेमनी में अपने नाती इब्राहिम और यासीन के साथ बशीर खान (गुड्डू भाई)  वहीं आगंतुकों ने होनहार बालक मोहम्मद सोहेल शेख को उनकी इस खास उपलब्धि पर खुुशी जाहिर करते हुए तोहफे भेंट कर दुआओं से नवाज़ा। नश्रा सेरेमनी का आगाज दारुल उलूम के बच्चों ने कुरान ख्वानी से किया। 

त्वरित न्याय : नर्सरी की बच्चियों के रेपिस्ट ड्राइवर को मरते दम तक उम्रकैद, बस की आया को 20 साल की सजा

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आरोपी द्वय हनुमत जाटव और उर्मिला साहू  भोपाल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की मासूम से स्कूल बस में रेप करने के दोषी ड्राइवर को कोर्ट ने मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसकी मदद करने वाली केयर टेकर (आया) को 20 साल कैद की सजा सुनाई। दोनों पर 32-32 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।  ✍️ विधिक संवाददाता  भोपाल (मध्य प्रदेश)। भोपाल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की मासूम से स्कूल बस में रेप करने के दोषी ड्राइवर को कोर्ट ने मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उसकी मदद करने वाली केयर टेकर (आया) को 20 साल कैद की सजा सुनाई। दोनों पर 32-32 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। सरकारी वकील मनीषा के मुताबिक, सजा सुनने के पहले दोनों चुप थे। रो रहे थे। सजा सुनने के बाद बोले- हमें झूठा फंसाया गया है। हमारे मासूम बच्चे हैं, हमें छोड़ दीजिए। फैसला भोपाल जिला कोर्ट की विशेष न्यायाधीश शैलजा गुप्ता (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ने सुनाया। शनिवार को ही कोर्ट ने मुख्य आरोपी हनुमत जाटव को धारा 376 (एबी), 376 (2) और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया था। केयर टेकर उर्मिला साहू

3 दिसम्बर, विश्व दिव्यांग दिवस पर विशेष : सामाजिक स्वीकृति से सशक्त होंगे दिव्यांग

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✍️ अमित सिंह कुशवाहा   आ धुनिक युग में मुक्ति आंदोलनों एवं स्वाधीनता संग्रामों ने लोकतांत्रिक समाज की अवधारणा को जन्म दिया और राष्ट्र राज्य का अभ्युदय भी इसी प्रक्रिया का अंग था। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात राष्ट्र राज्यों ने एक लोक कल्याणकारी भूमिका निभाने का मन बनाया था - आजाद भारत भी उसमें शामिल था। देश के स्वाधीनता संग्राम में अर्जित मूल्य और भारतीय संविधान - सभी का यह मानना तथा कहना था कि समाज के कमजोर, गरीब तथा अलग-थलग पड़े हिस्से को विशेष महत्व तथा प्राथमिकता दी जाए। ✍️अमित सिंह कुशवाहा (लेखक दिव्यांग बच्चों की शिक्षा, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास क्षेत्र में कार्यरत हैं) भारत की आजादी के बाद इस दिशा में पहल भी की गई। कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए नियम-कानून और योजनाएं बनाई गईं। काफी सीमा तक उन पर अमल भी हुआ परंतु शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण तबके पर सरकार तथा समाज का ध्यान कम ही जा पाया। बेहतरी और सुविधाओं से जुड़ी घोषणाएं तो हुईं परंतु समाज के इस तबके तक उसका लाभ नहीं पहुंच पाया और ना ही समाज की सोच में कोई बदलाव आया। इच्छाशक्ति की कमी और सत्ता प्रतिष्ठान की सोच इसक