बुरहानपुर में बवाल : दरगाह का ताला तोड़कर अंदर घुसे हिंदू संगठन के कार्यकर्ता, हनुमान जी की प्रतिमा होने का दावा, चोला चढ़ा कर किया हनुमान चालीसा का पाठ

पुलिस ने इस मामले में 2 नामजद सहित 100 से अधिक अन्य लोगों पर केस दर्ज किया है।

  • दरगाह प्रबंधन का जवाब- 36 साल पहले खरीदी थी जमीन, बिना अनुमति के निजी‎ संपत्ति में जबरन किया प्रवेश 
  • बोहरा समाज की विश्व प्रसिद्ध दरगाह-ए-हकीमी का मामला 

✍️सप्तग्रह रिपोर्टर

भोपाल /बुरहानपुर । शहर से लगे लोधीपुरा गांव स्थित बोहरा समाज के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दरगाह-ए-हकीमी के पिछले हिस्से में मंगलवार दोपहर करीब ढाई घंटे तक इच्छेश्वर हनुमान मंदिर के पदाधिकारियों, हिंदूवादी संगठनों और गांव के लोगों ने प्रदर्शन किया। वहीं, दरगाह प्रबंधन का‎ कहना है बिना अनुमति के निजी‎ संपत्ति में जबरन प्रवेश किया गया है।‎

हिंदू संगठनों का कहना है‎ खेत में हनुमाजी की प्रतिमा है और‎ समाजजनों को इसके पूजन का पूरा‎ अधिकार है। उन्होंने यहां आरती भी की।

दोपहर बारह बजे शुरू हुआ प्रदर्शन करीब ढाई बजे तक चला। वे दरगाह के स्वामित्व वाली भूमि पर स्थित प्राचीन मंदिर और वहां मौजूद हनुमानजी की अति प्राचीन मूर्ति तक पहुंच मार्ग देने की मांग कर रहे थे। दरगाह प्रबंधन ने वहां तक जाने वाले मार्ग के गेट पर ताला लगा रखा था।

मंदिर समिति के महेश सिंह चौहान और दरगाह-ए-हकीमी ट्रस्ट के सहायक प्रबंधक शेख मुस्तफा उज्जैनवाला के अपने-अपने तर्क हैं।

प्रदर्शन के बाद भी जब दरगाह प्रबंधन ने ताला नहीं खोला तो भक्तों ने गेट का ताला तोड़ दिया और मूर्ति के पास पहुंच कर हनुमानजी को चोला चढ़ा पूजा अर्चना शुरू कर दी। इस दौरान मौके पर सीएसपी बृजेश श्रीवास्तव और एसडीएम दीपक सिंह चौहान सहित काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद था, लेकिन भक्तों की जिद के आगे उनकी एक नहीं चली। इस दौरान हिंदूवादी संगठन के लोग जो नहीं है राम का, वो नहीं है काम का जैसे नारे लगाते रहे। हिंदूवादी संगठनों की ओर से भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे और सांसद प्रतिनिधि गजेंद्र पाटिल सहित भाजपा के अन्य नेता भी पहुंचे थे।

इच्छेश्वर हनुमान मंदिर को लेकर पहले से चल रहा विवाद

झाड़ियों में प्राचीन हनुमानजी की प्रतिमा मिली थी। हिंदू संगठन और अन्य लोग यहां पूजन करने पहुंचे थे। दरगाह प्रबंधन ने गेट पर ताला लगा दिया। इसके बाद विवाद बढ़ गया।

दरगाह-ए-हकीमी ट्रस्ट की भूमि से लगे सरकारी खसरे में स्थित इच्छेश्वर हनुमान मंदिर को लेकर पहले से दरगाह प्रबंधन व मंदिर समिति के बीच विवाद चल रहा है। इसका एक प्रकरण हाईकोर्ट जबलपुर में भी लंबित है। इस प्राचीन मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग को भी गत दिनों दरगाह प्रबंधन ने बंद कर दिया था। पुलिस और जिला प्रशासन तक मामला पहुंचने के बाद किसी तरह मार्ग खुलवाया गया था। तीन दिन पहले इसी के पास खेत में हनुमानजी की प्राचीन मूर्ति देखे जाने के बाद से नया विवाद शुरू हो गया है।

सन 1912 के राजस्व रिकार्ड में है मंदिरों का उल्लेख


इच्छेश्वर हनुमान मंदिर समिति के प्रमुख महेश सिंह चौहान ने बताया कि एक और मूर्ति मिलने के बाद उन्होंने सन 1912 का राजस्व रिकार्ड निकलवाया। जिसमें संबंधित खेत में हनुमानजी, देवी जी सहित अन्य मंदिरों के होने का उल्लेख है। चौहान ने आरोप लगाया है कि दरगाह ट्रस्ट ने यहां मौजूद प्राचीन मंदिर को ध्वस्त कर मूर्ति को फेंक दिया। जिस व्यक्ति से दरगाह ट्रस्ट ने यह खेत खरीदा था उसने विक्रय करते समय यह शर्त रखी थी कि वे मंदिर तक पहुंच मार्ग देंगे और मंदिरों का संरक्षण करेंगे। इस शर्त का भी दरगाह ट्रस्ट ने उल्लंघन किया है।

4 एकड़ जमीन का है विवाद

दरगाह प्रबंधन का आरोप है कि मंगलवार को जिस स्थान पर पहुंचकर विवाद किया गया, वहां केले की फसल लगी हुई थी। जिसे काफी नुकसान पहुंचा है। इस बात का उल्लेख दरगाह प्रबंधन ने FIR में भी किया है, जिसमें कहा गया कि कई केले के झाड़ गिरा दिए गए। इससे दरगाह प्रशासन भयभीत है। दरअसल, जिस जमीन का विवाद चल रहा है वह करीब 4 एकड़ है, जो 1986 में खरीदी गई थी।

इनका कहना है

अनाधिकृत रूप से कुछ लोगों ने दरगाह के स्वामित्व की भूमि पर लगे गेट का ताला तोड़कर वहां स्थित हनुमानजी की प्राचीन मूर्ति की पूजा की है। निजी भूमि पर उसके स्वामी का अधिकार होता है। यदि दरगाह ट्रस्ट शिकायत करता है तो अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- दीपक सिंह चौहान, एसडीएम।


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