अंतर्राष्ट्रीय मनोचिकित्सक एवं माइंड मैनेजमेंट गुरु डॉ. स्वामीनाथन ने कहा - मेडिटेशन से जुड़ेंगे, तो अपने आप दूर हो जाएगी मेडिसिन
- ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में सम्मान समारोह सम्पन्न
✍️ विश्वदीप मिश्रा की कलम से
मनावर(धार)। आज भागम भाग के इस आधुनिक युग में हर कोई तनाव ग्रस्त होकर तनाव में जीवन व्यापन कर रहा है। देश का देश के साथ, राज्य का राज्य के साथ ,परिवार का परिवार के साथ, सभी दूर कही ना कही तनाव दिखाई दे रहा है। इसका कारण यह है कि हमने अपने मन के साथ अपना संबंध नहीं जोड़ा है। यदि हम अपने मन से संबंध जोड़ लेंगे तो तनाव अपने आप दूर हो जाएगा। मन से जुड़ने के लिए मेडिटेशन आवश्यक है। यदि हम मेडिटेशन से जुड़ गए तो मेडिसिन हमसे अपने आप दूर हो जाएगी। उक्त बात मुंबई से पधारे अंतरराष्ट्रीय मनोचिकित्सक एवं माइंड मैनेजमेंट गुरु डॉ, स्वामीनाथन ने शहर के पुष्पा कॉलोनी स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में पत्रकार वार्ता एवं पत्रकार सम्मान समारोह के दौरान पत्रकार चर्चा में बताई।
उन्होंने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति एवं महान वैज्ञानिक डॉक्टर कलाम सर जब डीआरडीओ में थे तब तनाव को लेकर उन्होंने रिसर्च किया था । उन्होंने पाया था कि सबसे ज्यादा तनाव पुलिस फोर्स, मिलिट्री व पैरा मिलिट्री के जवानों में रहता है। तनाव का सबसे ज्यादा असर दिल पर होता है।दिल के रोगों के साथ अन्य बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही है। मन के प्रबंधन की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर हिलना डुलना और मन स्थिर होना चाहिए। लेकिन आज की जीवन शैली में ठीक इसका उल्टा हो रहा है। मन को स्थिर करने के लिए राजयोग आवश्यक है। पत्रकारों द्वारा तनाव व सुरक्षा को लेकर किए गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का एक आभामंडल होता है । यह आभामंडल अच्छे विचारों व अच्छे कार्यों से मजबूत होता है। हमें अपना आभामंडल मजबूत करने के साथ-साथ अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक रखना चाहिए।व्यक्ति की खुशी और अकेलेपन को किए गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि अकेलेपन के कारण लोगों की खुशी कहीं गुम हो चुकी है। इसके लिए हमें आपस में हमेशा मेलजोल बनाकर बातचीत करते रहना चाहिए। जिससे मन हल्का होकर दिल को खुशी मिलती है। बढ़ते भौतिकवाद पर उन्होंने कहा कि आज का इंसान साधन तो तेजी से जुटा रहा है लेकिन साधना से दूर होता जा रहा है। हमें आध्यात्मिक बनना पड़ेगा। अध्यात्म हमें सादगी की ओर ले जाता है। विद्यार्थियों पर पढ़ाई के बढते दबाव पर उन्होंने मन कि एकाग्रता पर जोर देने के साथ-साथ उन्हें मोबाइल आदि से दूर रखने की सलाह दी। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में वह विद्यार्थियों के बीच जाकर उन्हें पढ़ाई को सहज बनाने की विधि के साथ-साथ केंद्र पर लोगो को जीवन जीने की कला सिखाएंगे।
पत्रकार वार्ता के बाद डॉ. स्वामीनाथ के साथ केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सुंदरी दीदी, गंधवानी केंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी उमा दीदी ने मेडल एवं पुस्तक देकर उपस्थित पत्रकारों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मा कुमार गणपत भाई ने किया।
इसके पूर्व प्रातः पुलिस कर्मियों के लिए तनाव रहित जीवन पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। एसडीओपी धीरज बब्बर एवं टीआई कमलेश सिंगारे की उपस्थिति में पुलिस जवानो को बताया कि तनाव रहित खुशहाल जीवन के लिए राजयोग और ध्यान आवश्यक है। उन्होंने कुछ समय निकालकर केंद्र में आकर राजयोग और ध्यान सीखने के लिए जोर दिया।
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