पितृ मोक्ष भागवत कथा : पं. महादेव जोशी ने कहा- सदकार्य व प्रभु भक्ति से ही प्रशस्त होता है मोक्ष का मार्ग


  • भव्य भजन निशा में देर रात तक भजनों पर थिरकते रहे मंत्रमुग्ध श्रोता

✍️ विश्वदीप मिश्रा 

मनावर(धार)। मनुष्य का क्या कर्तव्य है? इसका बोध भागवत कथा सुनकर ही होता है। विडंबना यह है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले अपना जन्म व मरण दोनों सुधार लेते हैं। सदकार्य व प्रभु भक्ति से ही मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। उक्त उदगार भागवताचार्य पं महादेव जोशी ने राधारमण कॉलोनी में हरि परिवार द्वारा आयोजित पितृ मोक्ष भागवत कथा के दौरान दिए ।


उन्होंने आगे कहा कि स्वयं के साथ-साथ स्वजनों के लिए तो सभी भागवत कथा का आयोजन करते हैं। लेकिन पितृ मोक्ष के लिए भागवत कथा करवाना अपने पितरों के प्रति श्रद्धा का श्रेष्ठ उदाहरण है। श्रीमद् भागवत पुराण ही ऐसा पुराण है जो जीते जी और मरने के बाद भी मनुष्य को तारता है। पितृपक्ष में हिंदू अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं। यह एकमात्र सनातन धर्म में ही होता है वरना तो बादशाह औरंगजेब ने अपने पिता को एक-एक बूंद पानी के लिए भी तरसा दिया था।भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं । साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है।भक्त ध्रुव की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि हर मां ध्रुव जैसा पुत्र चाहती है। उन्होंने गौ सेवा पर जोर देते हुए निवेदन किया कि कहीं भी बीमार या लावारिस गौ दिखाई दे तो उसको गौशाला में लाएं।


मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने... इसके पूर्व रात्रि में भजन निशा का आयोजन किया गया। मां हरसिद्धि गौशाला सिंघाना के प्रमुख सेवादार दिलीप जोशी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भागवत कथा के आयोजक अंकित खंडेलवाल एवं मनीष सोनी ने गायक कलाकारों को पट्टीका पहनाकर व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया । कार्यक्रम की शुरुआत राजा पाठक ने गणेश वंदना से की । 


अंजली पांडे ने श्रीराम को देखकर जनक नंदिनी ,शुभी पाठक ने आरंभ है प्रचंड है, , कैलाश काग ने लगन तुमसे लगा बैठे, सुभाष सोलंकी ने मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने, सुखदेव राठौर ने सांवली सूरत पे मोहन ,आशुतोष सोनी रत्नपारखी ने सत्यम शिवम सुंदरम, लोकेश पांडे ने तूने मुझे बुलाया शेरा वालिये ,दीपनयन बोर्डिया ने मैया तेरी आदि भजनों की प्रस्तुति दी। ऋषिका पागनिश के गरबो पर पूरा पंडाल झूम उठा । देर रात तक बड़ी संख्या में श्रोता भजनों पर थिरकते रहे। कार्यक्रम का संचालन विश्वदीप मिश्रा व मुकेश मेहता ने किया एवं आभार अंकित खंडेलवाल ने माना।

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