इंसानियत पसंद शख्सियत शकीला परवीन ने दुनिया-ए-फानी को कहा अलविदा

  • डिजिटल जर्नलिस्ट ज़ैद अली की वालिदा का इंतकाल 

✍️सप्तग्रह रिपोर्टर 

भोपाल । संस्कृति विभाग से रिटायर मोहम्मद अली की धर्म पत्नी एवं डिजिटल जर्नलिस्ट ज़ैद अली की वालिदा शकीला परवीन का लंबी बीमारी के बाद सोमवार की शाम को दुखद निधन (इंतकाल) हो गया, जिन्हें मंगलवार की सुबह बड़ा बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। आपकी नमाज़-ए-जनाज़ा ओल्ड सैफिया कालेज सेड में अदा की गई। आपकी मय्यत में बड़ी संख्या में रिश्तेदार और अली परिवार के चाहने वाले शामिल हुए तथा मरहूमा के मगफिरत और दुखी परिवार को सब्रे जमील अता करने की दुआ की। तीन बेटियों और बहू-बेटे के साथ नाती पतियों को रोता बिलखते छोड़ गई श्रीमती अली ने खुद के लिए कभी नहीं सोचा, हमेशा दूसरों की भलाई के लिए सोचती थीं। गरीबों से उन्हें खास हमदर्दी थी इसलिए अपने बच्चों को भी गरीबों की मदद करने के लिए कहती थीं। आस पास के लोग भी उनके स्नेहभाव और मिलनसारिता के कायल थे। वह हमेशा सबसे मिलजुल कर रहने की सीख देतीं थीं। श्रीमती अली करीब 25 साल से शुगर तथा ब्लड प्रेशर की बीमारी से जुझ रहीं थीं। पिछले 3-4 साल से शुगर के कारण आंखों की रोशनी कमजोर हो गई थी। इसके बावजूद हिम्मत नहीं हारी और आखिरी समय तक भी परिवार के साथ रिश्तेदार एवं मिलने जुलने वालों की फिक्र करती रहीं। परिजनों को आपस में अख़लाक़ मोहब्बत से रहने की हिदायत देती रहीं। श्रीमती अली का यूं इस दुनिया-ए-फानी से जाना न सिर्फ अली परिवार के लिए बल्कि हर एक इंसानियत पसंद इंसान के लिए बड़ी क्षति है, क्योंकि ऐसी शख्सियत को भुला पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। हालांकि हर जानदार को मौत का मज़ा चखना है। इसलिए हम सप्तग्रह परिवार की ओर से मरहूमा की मगफिरत और अली परिवार को सब्रे जमील अता करने की दुआ करते हैं। 

 


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