सियासत के रंग: जो बनेगा सत्ता का सरताज उसके सिर पर होगा कर्ज भरा ताज

स्रोत:सोशल मीडिया 

  • प्रदेश में हर शख्स 47 हजार रुपयों के कर्जे में डूबा, कैसे बटेंगी मुफ़्त की रेवड़ियां 

मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं और 3 दिसंबर को नतीजे आने के बाद नई सरकार का गठन होगा। एक तरफ नई सरकार बनने की खुशी, तो दूसरी ओर राज्य पर बढ़ते कर्ज की फिक्र होगी। नई सरकार को विरासत में 3.85 लाख करोड़ रूपए का कर्ज मिलेगा। इन हालातों में अगली सरकार को फाइनेंसियल मैनेजमेंट में मुश्किल होने वाली है। इसकी वजह मुफ़्त की रेवड़ियां बांटने को माना जा रहा है। मुफ़्त उपहार लेने वाले नागरिकों को भी यह बात पता होना चाहिए कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर 47 हजार रूपए का कर्ज है। बजट की बाजीगरी समझने वाले बताते हैं कि फ्रीबीज (मुफ़्त उपहार) योजनाओं पर करीब 35 फीसदी बजट खर्च हो रहा है और अब चुनाव में की गई नई-नई फ्रीबीज घोषणा से खर्च बढ़ना ही है। मतलब साफ है कि जो भी सत्ता का सरताज बनेगा उसके सिर पर कर्ज भरा ताज होगा। नई सरकार के लिए न केवल ये मुफ़्त की योजनाएं परेशानी बनेंगी,बल्कि सरकार चलाने के लिए बजट की व्यवस्था बहुत बड़ी चुनौती होगी। 



मौजूदा बजट के मुताबिक राज्य सरकार की आमदनी 2.25 लाख करोड़ है और खर्च इससे 54 हजार करोड़ ज्यादा है। अर्थात आमदनी अट्ठन्नी और खर्चा रूप्पया है। ऐसे में नई सरकार चलाने के लिए वर्तमान बजट से ज्यादा राशि की जरूरत होगी। इतना ही नहीं सरकार हर साल 20 हजार करोड़ से ज्यादा ब्याज भी चुका रही है।

एडीआर ने इस पर सवाल उठाया है। एडीआर सदस्य चंद्रकांत नायडू ने कहा कि कितनी जिम्मेदारी से कहा जा रहा है, कहा नहीं जा सकता है। चार लाख करोड़ का कर्जा होने जा रहा है। दोनों ही दलों की घोषणा में पैसा लगेगा। दावे तो दोनों दल कर रहे हैं, लेकिन कितनी जिम्मेदारी से कहा जा रहा है, यह कहा नहीं जा सकता।

वहीं कांग्रेस नेताओं दावा है कि वह कर के दिखा चुके हैं। वचन-पत्र के कई वादे वह दूसरे प्रदेशों में पूरा कर के दिखा चुके हैं। पुरानी पेंशन तीन राज्यों में लागू कर चुके हैं। किसान कर्जामाफी कर ही रहे थे। 500 रुपए में दूसरे प्रदेश में सिलेंडर दे ही रहे हैं। वचन-पत्र के सभी वादे पूरे किए जाएंगे।

दूसरी तरफ भाजपा नेताओं का कहना है कि गारंटी के साथ संकल्प-पत्र पूरा करेंगे। भाजपा सरकार में जनता के काम के लिए पैसों की कमी नहीं आती। भाजपा ने जो कहा वो किया। लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक की घोषणा निभाई है।

गौरतलब है कि प्रदेश का 2023-24 का बजट 3.14 लाख करोड रुपए का है। इसका करीब 26.2 प्रतिशत हिस्सा वेतन भत्ते और ब्याज की आदायगी में ही चला जाता है। अगर वेतन भत्ते को ही देखें तो वित्तीय वर्ष खत्म होने तक 56314 हजार करोड रुपए से अधिक खर्च इस पर होंगे। यह बजट का 18.64 फीसदी होता है। वहीं पेंशन पर बजट का 6.17 फीसदी और ब्याज पर 7.56 फीसदी ब्याज भुगतान पर 13.73 फीसदी खर्च होगा। फ्रीबीज(मुफ्त उपहार) योजनाओं पर करीब 35 फीसदी बजट खर्च हो रहा है। 

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