सत्ता से दूर जनता के करीब "शिवराज मामा"


  • लाडली बहनों को रोते देख भावुक हुए पूर्व सीएम शिवराज, आंखों से निकले आंसू
✍️ सियासत के रंग / नौशाद कुरैशी

देश और प्रदेश की राजनीति में भावुक पल तो कई दफा आए और कई नेताओं को जनादेश पर कुर्सी को नमस्ते कहना भी पड़ा, लेकिन भावनाओं का ज्वार कभी ऐसा नहीं फुटा जैसा हाल के दिनों में शिवराज सिंह चौहान को सत्ता से दूर किए जाने पर मध्य प्रदेश में फुट रहा है। जी हां! यह किसी हिंदी फिल्म की पटकथा का हिस्सा या किस्सा नहीं, बल्कि वास्तविक राजनीतिक घटनाक्रम है जो नीतदिन किसी न किसी शहर या कस्बे में घटित हो रहा है जहां पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पहुंच रहे हैं। 

दरअसल, यह मामला मध्य प्रदेश की लाडली बहनों और उनके लोकप्रिय शिवराज भैया तथा लाडले भांजा-भांजी और उनके जनप्रिय मामा से जुड़ा हुआ है। जब से शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है तब से लाडली बहनों का रो रो कर बुरा हाल है। लाडली बहनों के इमोशंस को देखते हुए तो यह लगता है कि वह हर हाल में अपने लाडले भैया को ही सीएम की कुर्सी पर बैठा देखना चाहती हैं। भावुकता का आलम यह है कि अब तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लाडली बहनों को रोते देख स्वयं के आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। 


बात शनिवार की है। जब विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रम में भाग लेने  शिवराज सिंह सीहोर जा रहे थे। जैसे ही उनका काफिला सेकडाखेड़ी मार्ग पर पहुंचा, जनसमूह ने शिवराज के काफिले को रोक लिया। भारी जनसमूह को देखकर पहले तो शिवराज सिंह चौहान गाड़ी के गेट से जनसमूह का अभिवादन करते रहे। इस दौरान काफी संख्या में लाड़ली बहनों ने शिवराज को घेर लिया ओर रोने लगीं।

उनको रोते हुए देख शिवराज सिंह चौहान भी गाड़ी से नीचे उतर गए और लाड़ली बहनों के सिर पर हाथ रखकर सान्त्वना देने लगे। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान 'आंधी नहीं तूफान है, शिवराज सिंह चौहान है' की नारेबाजी होती रही। लाड़लियों को रोता देख शिवराज भी कुछ पल के लिए भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू निकल गए। शिवराज सिंह के काफिले को कार्यक्रम स्थल तक ले जाने में सुरक्षा कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।


वहीं,गुरुवार को शिवराज सिंह जैसे ही विदिशा के बाढ़ वाले गणेश मंदिर पर पहुंचे तो यहां कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। वहां पहले से उपस्थित लाडली बहनों ने शिवराज को घेर लिया। नारेबाजी करते हुए लाड़ली बहनें उनके गले लगकर रोने लगी। उनको रोता देख भैया शिवराज भी भावुक हो गए और उनकी आंखों से भी आंसू निकल पड़े। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान राज्य में मामा के रूप में प्रसिद्ध हैं और अक्सर अपनी सभाओं में वो लोगों को बहनों, भाईयों, भांजे-भांजियों जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं। शिवराज से लिपटकर जब बहनें रोने लगी तो उन्होंने कहा कि बहनों के सम्मान के लिए और उनके लिए काम करना मेरे जीवन का मिशन है।


पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सड़क दुर्घटना के शिकार एक युवक को अपने वाहन से अस्पताल पहुंचा कर भांजा - भांजी को भरोसा दिलाया कि वह यहीं हैं और कहीं नहीं जा रहे। जाहिर है कि शिवराज सिंह अपने मानवीय कर्तव्यों को पद पर रहते हुए भी अंजाम देते रहे हैं। उनकी यही सहजता, सरलता और आत्मीयता उन्हें दूसरों से अलग दर्शाती है और जनता के दिलों में स्थान दिलाती है। 


बहरहाल, पार्टी हाईकमान के आदेश पर शिवराज सिंह चौहान भले ही सत्ता से दूर हो गए, लेकिन जनता से उनकी नजदीकी बरकरार है और लाडली बहनों के प्यार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि पूर्व मुख्यमंत्री की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है। फिलवक्त के राजनीतिक हालात को देखते हुए भाजपा हाईकमान ने भी संकेत दिया है कि वह जल्द से जल्द पूर्व मुख्यमंत्रियों को अहम भूमिका प्रदान करने वाला है। 

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