बड़ी पहल : ग़ैरकानूनी हथियार बनाने वाले हाथों में होगा कानूनी हुनर
- सिकलीगर समाज को अपराध के दलदल से बाहर निकालने के लिए पुलिस की पहल, इंदौर के कमिश्नर एडीजी ने की बैठक
- खरगोन, धार, बड़वानी एवं बुरहानपुर जिले के अधिकारियों की कार्यशाला में सिकलीगर समाज के प्रतिनिधि भी हुए शामिल
✍️ सैयद रिजवान अली
महेश्वर, खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में एक ऐसा समाज भी है जो कि लगातार अपराध के दलदल में धंसता ही जा रहा है। इस समाज के लोग शस्त्र और हथियार बनाने में इतने माहिर हो गए है कि उनके उत्थान के लिए एमपी पुलिस ने अच्छे रोजगार से जोड़ने के लिए पहल करने में लगे हुए है। पुलिस इन सिकलीगर समाज के लोगों का सर्वे कराएगी।
इसके अंतर्गत इंदौर संभाग के कमिश्नर मालसिंह और इंदौर जोन के एडीजी राकेश गुप्ता की उपस्थिति में पुलिस कंट्रोल रूम महेश्वर में खरगोन, धार, बड़वानी एवं बुरहानपुर जिले के अधिकारियों की वर्कशॉप आयोजित की गई। इस कार्यशाला में इन चार जिलों के सिकलीगर समाज के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
यहां देखें वीडियो -
सिकलीगर समाज की आज की स्थिति पर की गई चर्चा
कार्यशाला में सिकलीगर समाज के लोगों की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की गई। इस दौरान सिकलीगर समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि खरगोन, धार, बड़वानी एवं बुरहानपुर जिलों में उनकी समाज की आबादी लगभग 10 हजार है। उनके समाज का पारंपरिक रूप से हथियार निर्माण का व्यवसाय रहा है। लेकिन अब समय बदल गया है और उनका समाज अपराध के इस दलदल से बाहर निकलकर रोजगार की गतिविधियों से जुड़ना चाहता है। इतना ही नहीं यह समाज अब सोसाइटी की मुख्यधारा में शामिल होना चाहता है।
युवाओं को इस तरह निकालेंगे दलदल से
सिकलीगर समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनकी समाज के युवाओं को अपराध के इस दलदल से निकालने के लिए शासकीय सेवा में प्राथमिकता से लिया जाना चाहिए। होमगार्ड, ड्राइवर, अतिथि शिक्षक, सिक्यूरिटी गार्ड जैसे पदों पर उनके समाज के पढ़े-लिखे युवाओं को काम देने की जरूरत है।
इसके साथ ही समाज के युवाओं को प्रशिक्षण देकर एवं बैंक ऋण देकर रोजगार मूलक गतिविधियों से जोड़ने के पहल की जाना चाहिए। उनके समाज के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाना चाहिए और उनकी बस्तियों में स्वच्छता के कार्य कराये जाने चाहिए। उनके समाज को पशुपालन एवं कृषि कार्यों से भी जोड़ा जा सकता है।
सिकलीगर समाज के लोगो का कराया जाएगा सर्वे
कमिश्नर मालसिंह ने कहा कि चारों जिलों के सिकलीगर समाज के लोगों का 25 जनवरी से 15 फरवरी तक सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे के तहत यह पता लगाया जाएगा कि इस समाज के युवा कहा तक शिक्षित है और वर्तमान में कौन सा काम कर रहे हैं। साथ ही उनके परिवार की आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली जाएगी और उनकी जरूरतों का आकलन किया जाएगा। वे कौन सा काम करना चाहते हैं यह भी पता लगाया जाएगा। सर्वे के बाद इस समाज के युवाओं की काउंसिलिंग के लिए शिविर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सिकलीगर समाज के उत्थान के लिए यह एक सार्थक पहल है और समाज के लोगों को स्वयं आगे आकर इसमें सहयोग करना होगा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राकेश गुप्ता ने कहा कि सिकलीगर समाज के पढ़े-लिखे युवाओं को उनके हुनर एवं कौशल के अनुसार रोजगार देने का प्रयास किया जाएगा। इसी कड़ी में आज इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। हमारा प्रयास है कि इस समाज के युवा शस्त्र निर्माण एवं अपराध की दुनिया से बाहर निकले और रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बने।
खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कार्यशाला में बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना इस समाज के शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार देने का अच्छा साधन बन सकती है। इसके लिए शीघ्र प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा इस समाज के महिलाओं को आजीविका मिशन एवं अन्य गतिविधियों से जोड़कर रोजगार दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि पीथमपुर इंडस्ट्रियल सेक्टर में ट्रेनिंग युवाओं की आवश्यकता होती है। सिकलीगर समाज के युवाओं को आईटीआई के माध्यम से विभिन्न ट्रेडों का ट्रेनिंग देकर उनकी स्किल को बढ़ाया जा सकता है। पीथमपुर गारमेन्ट उद्योग में महिलाओं की आवश्यकता है। धार एसपी मनोज कुमार सिंह, सिकलीगर समाज के लोगों पर अन्य राज्यों में दर्ज अपराधों की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे लोग स्वयं सामने आए पुलिस प्रशासन उन्हें विधिक सहायता उपलब्ध कराकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य करेगा।
सिकलीगर समाज के वरिष्ठ जर्मन सिंह पंजाबी बाकानेर, मगन भाटिया सिंघाना, मंगल सिंह छाबड़ा गंधवानी, कैलाश सिंह भाटिया सिंघाना, महेंद्र सिंह छाबड़ा गंधवानी, अंतर सिंह पंजाबी बाकानेर प्रमुख रुप से मौजूद रहे। सभी का आभार सिकलीगर सिख समाज राष्ट्रीय अध्यक्ष महान भाटिया ने माना।
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