कैसी हेल्पलाइन : सवाल खेत का, जवाब खलिहान का... मामला टांय टांय फिस्स!


भोपाल।
सुशासन की अवधारणा को मजबूत करने शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन अपना वर्चस्व खोती जा रही है। अधिकारियों के सरकारी रवैए और कर्मचारियों की हीले हवाले की आदतों ने इसको बट्टा लगा दिया है। प्रदेश सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्लेटफार्म पर चस्पा शिकायतों पर गैर जिम्मेदाराना जवाब अंकित कर अधिकारी शिकायतों को जबरिया बंद कर रहे हैं।

धार जिला सहकारी बैंक मर्यादित मुख्यालय में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी पीएस धनवाल के भ्रष्टाचार, लापरवाहियों और नियमों की धज्जियां उड़ाने को लेकर एक शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की गई थी। महीनों शिकायत को यहां भटकाने के बाद इस शिकायत को बिना ठोस जवाब दिए बंद कर दिया गया है। अग्रणी शाखा प्रबंधक संजय सोनी ने इस शिकायत को बंद करने की पैरवी की है। इस दौरान उन्होंने न तो शिकायत का मूल रूप जांचा और न ही उसके लिहाज से जवाब ही अंकित किया है।

सोनी की मंशा धनवाल को बचाने की

गौरतलब है कि धनवाल पर रायसेन शाखा में पदस्थ रहते करोड़ों रुपए के गबन के आरोप हैं। मामला अदालत में है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की दरियादिली से उनको निलंबन करने के बजाए पदोन्नति दे दी गई है। पिछले महीने धनवाल का ट्रांसफर धार से खरगोन कर दिया गया है। लेकिन धार में वर्तमान प्रबंधक सोनी ने जांच के नाम पर लीपापोती करके अपने साथी धनवाल को क्लीनचिट दे दी है। इस बीच वे इस बात को भी नजरंदाज कर गए कि जिला कलेक्टर धनवाल की लापरवाहियों को लेकर शोकाज नोटिस जारी कर चुके हैं।

मुख्यालय खामोश

सहकारिता मुख्यालय में बैठे आला अधिकारियों ने धनवाल को उनके हर काले काम में सहयोग किया है। रायसेन में भ्रष्टाचार करने और धार में आचार संहिता के दौरान ड्यूटी से नदारद रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। विभागीय आदेश की अवहेलना पर उन्हें एक और अतिरिक्त जिम्मेदारी भी मुख्यालय ने सौंप दी। अब खरगोन शाखा में की जा रही धनवाल की लापरवाही, तानाशाही, भ्रष्टाचार और कर्मचारियों से अभद्रता को लेकर भी मुख्यालय खामोश बैठा है।


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