मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर बोले- कहानियों से रहा है बचपन का नाता...!


✍️खान अशु

भोपाल। दादी, नानी से लेकर अम्मा जान और हमारी अजीज नसीम बी से सुनी कहानियों से गहरा नाता रहा है। उम्र के 17 बसंत आने तक कहानियों और मेरा रिश्ता बहुत गहरा रहा है। फिल्मी दुनिया से जुड़े परिवार का हिस्सा होने के बावजूद उस वक्त ये कल्पना नहीं थी कि इन्हीं कहानियों के साथ मेरा करियर आगे बढ़ेगा। कहानियां अब भी मेरे वजूद के साथ जुड़ी हैं। इन्हीं के बेहतर चयन के साथ मैं अपने काम को आगे बढ़ाने की कोशिश करता हूं। एक बेहतर कहानी ही किसी फिल्म के सफल या असफल होने की दास्तान लिखती है।

फिल्मी दुनिया के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान गुरुवार को भोपाल में थे। इस दौरान उन्होंने अपने कैरियर, निजी जीवन, अप कमिंग प्रोजेक्ट समेत पिछले कामों में रही कमियों और उसके नतीजों पर बे तकल्लुफ बात की।

अपनी फिल्मों में चुने जाने वाले लोकेशंस से हो जाने वाले गहरे लगाव पर आमिर ने कहा कि काम को सिर्फ काम तक देखना मेरी आदत नहीं, बल्कि एक खास रिश्ते के साथ इससे जुड़ता रहा हूं। यही वजह है लगान के बाद कच्छ भुज से मैं लंबे अरसे तक जुड़ा रहा और अब भी इन जगहों की खुशनुमा यादें अब भी मेरे साथ हैं। पीपली लाइव के बाद लापता लेडिस के लिए भोपाल और इसके आसपास की लोकेशन चुनना भी मेरा इस शहर से खास लगाव का हिस्सा है। आमिर ने बताया कि भोपाल से मेरे पारिवारिक तार जुड़े हैं। यहां मैं बार बार आना चाहता हूं।

कयामत से कयामत तक से लेकर लाल सिंह चड्ढा तक की कहानियों पर काम करने का मकसद


कयामत से कयामत तक से लेकर लाल सिंह चड्ढा तक की संदेश भरी कहानियों पर काम करने का मकसद आमिर खान ने बताया कि उन्होंने कभी करोड़ी बिजनेस या किसी अवार्ड की नीयत से काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि फिल्म का मकसद समाज के लिए एक स्वच्छ संदेश है, उससे हटकर काम करने का मतलब ही असफलता है। अपनी पिछली कुछ फिल्मों के असफल होने को वे गलत कहानियों के चयन से जोड़ते हैं। साथ ही खुले दिल से इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि जरूर उनके काम में ही कुछ कमियां रही होंगी, जो इन फिल्मों का ये हश्र हुआ।

प्रसिद्धि की बुलंदियों पर रहे अपने टीवी शो सत्य मेव जयते को आमिर अपनी बड़ी उपलब्धि करार देते हैं। वे कहते हैं कि इस शो ने उनको दुनिया को करीब से जानने का मौका दिया। आमिर बताते हैं कि एक घंटे के शो के लिए जितने रिसर्च और मेहनत की जाती थी, उतने में कई बड़ी फिल्म बन सकती हैं। सत्य मेव जयते से जागी समाज के करीब जाने की लगन ने उन्हें अब पानी फाउंडेशन से जोड़ा है। जिसको लेकर वे बहुत उत्साहित भी हैं और समाज के लिए कुछ करके सुकून भी महसूस करते हैं।


पिछले कुछ समय पहले बिपासना से जुड़ने के बाद अपनी जिंदगी में आए बड़े बदलाव को लेकर आमिर ने कहा कि धर्म या मजहब से हटकर की जाने वाली इस मशक्कत में ये सिखाया जाता है कि हर उस काम से परहेज किया जाए, जो आप खुद के लिए पसंद नहीं करते। करीब 11 दिन की इस मौन साधना के बीच उन्होंने सीखा है कि किसी से झूठ बोलना, किसी को धोखा देना, किसी का नुकसान करना कैसे उचित माना जा सकता है, जब ये आप खुद अपने लिए पसंद नहीं करते।

अपने प्रोडक्शन हाउस की नई फिल्म लापता लेडीज के बारे में आमिर ने बताया कि नए कलाकारों के साथ बनाई गई ये फिल्म समाज को एक बेहतर संदेश भी देगी और खूब गुदगुदायेगी भी। आमिर ने बताया कि जल्दी ही उनकी नई फिल्म उनके फैन को देखने को मिलेगी। सितारे जमीन पर नामक ये फिल्म उनकी पिछली फिल्म तारे जमीन का सिक्वल जरूर है, लेकिन इसकी कहानी उस फिल्म से बिल्कुल विपरीत है। जहां तारे जमीन पर एक गंभीर और रुलाऊ फिल्म थी, वहीं सितारे जमीन पर एक हल्की फुल्की कॉमेडी फिल्म होगी।


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