नप गए SDM, तीन महीने की जेल और 25000 जुर्माना:आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला


✍️सप्तग्रह रिपोर्टर 

खरगोन/धार । मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के भीकनगांव में पदस्थ एसडीएम को कोर्ट की अवमानना के केस में 3 महीने की सजा से दंडित किया गया है। इन्हीं एसडीएम पर इसी से जुड़े मामले में हाई कोर्ट इंदौर ने 5 दिन पहले 25000 रुपए का फाइन लगाया है।

सरदारपुर जिला धार के जज महेंद्र सिंह मेहसन ने कोर्ट की अवमानना को लेकर तत्कालीन सरदारपुर एसडीएम बोन्दर सिंह कलेश को तीन महीने की सिविल जेल की सजा से दण्डित किया है। बोन्दर सिंह कलेश फिलहाल खरगोन जिले के भीकनगांव के एसडीएम है।

आवेदक मनोहर लाल जैन और उनके पुत्र मनोज जैन के वकील अंशुल राजपुरोहित ने बताया कि राजगढ़ में उनके पूर्वजों के पुराने मकान को नगर परिषद द्वारा खतरनाक मानते हुए गिराए जाने का आदेश दिया था। इस आदेश के चलते पुराने मकान को गिराया गया और नए मकान की विधिवत अनुमति लेकर कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया गया। इस पर एसडीएम सरदारपुर बोन्दर सिंह कलेश ने मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत निर्माण को शासकीय भूमि पर मानते हुए इसे हटाए जाने का नोटिस दिया। इस पर सभी दस्तावेज दिखाए जाने के बावजूद 18 दिसंबर 2021 को इसे गिराए जाने के आदेश पारित कर दिए गए।

इस नोटिस के विरुद्ध व्यवहार न्यायालय राजगढ़ में आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस पर 21 दिसंबर 2021 को यथावत स्थिति रखने के निर्देश दिए गए। वकील ने बताया कि एसडीएम को विधिवत सूचना दिए जाने के बावजूद उन्होंने आदेश का उल्लंघन किया और दुर्भावना पूर्वक 21 दिसंबर को ही निर्माण को गिरा दिया।

उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य गिराए जाने के इस आदेश के विरुद्ध उनके क्लाइंट ने हाई कोर्ट इंदौर में अपील की थी। हाई कोर्ट इंदौर ने भी 25 जनवरी 2024 को पारित आदेश में एसडीएम बोन्दर सिंह कलेश के उक्त आदेश को दुर्भावना पूर्वक और बाहरी प्रभाव के तहत मानते हुए उन पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा धार कलेक्टर को इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। खरगोन के जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि इस मामले में कानून के मुताबिक कदम उठाया जाएगा।

वकील ने बताया कि उनके क्लाइंट ने सरदारपुर सिविल कोर्ट में इसी मामले की गड़बड़ी से जुड़ी एक अन्य प्राइवेट कंप्लेंट भी दायर की थी। इसमें बताया गया था कि दरअसल एसडीएम ने निर्माण को गिराने का आदेश 18 दिसम्बर 2021 को पास किया था, लेकिन आदेश में बाद में 17 दिसम्बर का उल्लेख पाया गया। इस पर प्रस्तुत याचिका के बाद सिविल कोर्ट सरदारपुर ने धारा 420, 467, 468, 471 और 472 के तहत संज्ञान लेते हुए एसडीएम कलेश के विरुद्ध जमानती वारंट भी जारी किया था।


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