BJP के दांव से 'महाराज' की घेरेबंदी : कांटे से कांटा निकालने की फिराक में कांग्रेस


  • ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे राव यादवेंद्र सिंह
  • पिता देशराज सिंह भी दो बार लड़ चुके सिंधिया के खिलाफ चुनाव

✍️ सियासत के रंग - नौशाद कुरैशी 

ध्यप्रदेश की गुना लोकसभा सीट सूबे की हाई प्रोफाइल सीट बनी हुई है, क्योंकि बीजेपी के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अब तक कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में सबकी निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी पर टिकी हैं। कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह, जयवर्धन सिंह और अरुण यादव के नाम की चर्चा भी हुई थी, लेकिन इन तीनों ने जब रूचि नहीं दिखाई तब तेजी से राव यादवेंद्र सिंह का नाम सामने आया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें सिंधिया के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। और तो और सूत्रों का दावा है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की सहमति से गुना संसदीय क्षेत्र के लिए एकमात्र नाम राव यादवेंद्र सिंह का ही इसलिए भेजा गया है, क्योंकि राव यादवेंद्र सिंह वहां के स्थानीय नेता हैं। समझा जाता है कि राव यादवेंद्र सिंह का नाम भेजकर उपरोक्त तीनों बड़े नेताओं ने अपना पल्ला झाड़ लिया है, क्योंकि उन्हें पता था कि पराजय तो तय है।हालांकि सीनियर नेताओं को कांग्रेस से चुनाव लड़ाने की मांग के चलते यदि राव यादवेंद्र सिंह को कांग्रेस टिकट नहीं मिला, तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनावी राह आसान हो सकती है।


बताया जा रहा कि सिंधिया के खिलाफ किसी दिग्गज नेता को चुनाव लड़ाने की योजना थी। लेकिन कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है, बताया जा रहा है कि पार्टी सिंधिया के खिलाफ बीजेपी वाला दांव चलना चाहती है, जो 2019 में भाजपा ने चला था। पिछले चुनाव में सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, जहां भाजपा ने उनके खिलाफ स्थानीय नेता केपी यादव को टिकट दिया था। जिन्होंने सिंधिया को हराया था। ऐसे में राव यादवेंद्र सिंह के जरिए कांग्रेस स्थानीय नेता वाला दांव चल सकती है। राव यादवेंद्र सिंह अशोकनगर जिले से आते हैं और फिलहाल जिला पंचायत सदस्य हैं और यादव समाज से आते हैं। माना जा रहा है कि प्रदेश नेतृत्व ने उनका सिंगल नाम भेजा है, ऐसे में उनके नाम पर मुहर लग सकती है। 

दरअसल, राव यादवेंद्र सिंह बीजेपी में ही शामिल थे, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उनके स्वर्गीय पिता देशराज सिंह यादव बीजेपी के विधायक रह चुके हैं। अशोकनगर जिले में यादव के परिवार का अच्छा दबदबा माना जाता है। उनके परिवार के 6 लोग राजनीति में सक्रिय हैं। यादवेंद्र सिंह खुद जिला पंचायत सदस्य हैं, जबकि उनकी पत्नी जनपद सदस्य, भाई जिला पंचायत सदस्य और मां भी जनपद सदस्य हैं। यादवेंद्र सिंह के पिता भी दो बार गुना लोकसभा सीट से सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं।


बीजेपी ने पहली ही लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था। ऐसे में सिंधिया ने यहां प्रचार भी शुरू कर दिया है। वह इस बात से निश्चिंत हैं कि उनके विरुद्ध चुनाव कौन लड़ रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पहले पांच बार कांग्रेस के टिकट पर गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, जिनमें चार बार उन्हें जीत मिली थी, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब सिंधिया बीजेपी के टिकट पर फिर से इसी सीट से मैदान में हैं।

बता दें कि राव यादवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे, जहां पार्टी ने उन्हें मुंगावली विधानसभा सीट से टिकट दिया था। लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बृजेंद्र सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन पार्टी अब उन्हें लोकसभा चुनाव भी लड़ाने की तैयारी में हैं। दरअसल, गुना लोकसभा सीट ओबीसी बहुल सीट मानी जाती है। गुना और अशोकनगर जिले में इस वर्ग का दबदबा माना जाता है। ऐसे में पार्टी ओबीसी वर्ग को साधने के लिए उन्हें चुनाव लड़ा सकती है। 

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