तकरीर और दुआ में आँसू से तर हुई कैदियों और बंदियों की आँखें


  • अपनी जिंदगी में बदलाव लाएं और समाज में अच्छाई फैलाएं : मौलाना डॉ. शम्सुद्दीन नदवी
  • रोज़ा इफ्तार प्रोग्राम का मक़सद इंसानियत की खिदमत करना : क़ाज़ी सय्यद दानिश 
  • सेंट्रल जेल भोपाल में खुद्दाम-ए-मिल्लत का 13वां रोजा इफ्तार का भव्य कार्यक्रम 

✍️ सप्तग्रह रिपोर्टर 

भोपाल। सेन्ट्रल जेल भोपाल में रविवार शाम खुद्दाम-ए-मिल्लत की जानिब से भव्य रोजा इफ्तार कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें एक जाजम पर बैठकर हिंदू- मुस्लिम कैदियों ने एक साथ रोजा इफ्तार किया। खुद्दाम-ए-मिल्ल्त के संयोजक क़ाज़ी सय्यद दानिश परवेज़ नदवी ने बताया कि रोजा इफ्तार कार्यक्रम से पहले तकरीर हुई, जिसमें मुख्य अथिति धर्मगुरु मौलाना डॉ. शम्सुद्दीन नदवी ने तकरीर करते हुए कैदियों को अपना आचरण व किरदार सुधारने की नसीहत की। उन्होंने कहा कि कोई इंसान अगर गुनाह करता है और उस पर शर्मिंदा होकर अपने जीवन में सुधार लाता है तो उसके लिए माफी के दरवाजे खुल जाते हैं।


तकरीर में कैदियों से जीवन में सुधार लाने का आह्वान करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि इंसान इस धरती पर अमन, सुकून और इंसानियत की भलाई के लिए आया है। लड़ाई-झगड़ा और बुराइयों से बचना ही मजहब में बताया गया है। इसी में सभी इंसानों का भला है। जेल सजा की नहीं सुधार की जगह है। कैदियों को चाहिए कि वह अपनी जिंदगी में बदलाव लाएं और समाज में अच्छाई फैलाएं। 


क़ाज़ी सय्यद दानिश परवेज़ नदवी ने अपनी तकरीर में कैदियों से कहा कि यह रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम सिर्फ इफ्तार का प्रोग्राम नहीं है, बल्कि इसका मक़सद इंसानियत की खिदमत करना है। ऐसे लोग जो अपने गुनाहों की वजह से दुनिया वालों से दूर हैं, अपने परिवार वालों से दूर हैं और जेलों में बंद हैं खुद्दाम-ए-मिल्लत के लोग जेल आ कर इनके साथ रोज़ा इफ्तार करते हैं, ताकि यहां मौजूद कैदी, बंदी खुद्दाम-ए-मिल्लत के साथ अपना दर्द बांट सकें। रोजा ईफ्तार के इस मुबारक मौके पर कैदियों ने नेक राह पर चलने का संकल्प भी लिया।


कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत-ए-कुरान से हाफिज कारी सय्यद शाहवेज परवेज़ नदवी ने की। इस मौके पर सेंट्रल जेल भोपाल के जेलर सरोज मिश्रा एवं समस्त वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी विशेष रुप से उपस्थित थे। सभी का स्वागत एवं शुक्रिया खुद्दाम-ए-मिल्ल्त के संरक्षक सय्यद परवेज़ खलील ने किया।

गौरतलब है कि पिछले 13 वर्षों से खुद्दाम-ए-मिल्ल्त के संयोजक क़ाज़ी सय्यद दानिश परवेज़ नदवी अपने साथियों के साथ सेंट्रल जेल में सामूहिक रोजा इफ्तार का कार्यक्रम आयोजित कर सांप्रदायिक सौहार्द्र की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। 


रोज़ा इफ्तार कार्यक्रम कार्यक्रम में इन्जीनियर फराज खान (अध्यक्ष मल्टी हैन्डस टू हेल्प एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी), मौलाना मोहम्मद शमीम नदवी (सेक्रेटरी आल इंडिया उलेमा बोर्ड म.प्र.), मौलाना अमीरउल्लाह (इमाम व खतीब मस्जिद अल जामीया), हाफिज उमर, सलमान खान (अध्यक्ष मस्जिद अब्दुल अजीम), मौलाना तय्यब खान नदवी, मोहम्मद गुफरान राईन, मजहर खान विशेष रूप से शामिल हुए। 


कार्यक्रम के अंत में अपने गुनाहों से तौबा करते हुए दुआ मांगी तो कई आंखें नम हो गईं। 

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