मांगी अमन चैन की दुआ : हैदराबाद से लाई शाही चादर दादा पीर हजरत नक्शबंदी की दरगाह पर की पेश
- घर-आंगन में एक पेड़ ज़रूर लगाएं, शब-ए-मालवा की खूबसूरती को लौटाएं
✍️ ताहिर कमाल सिद्दीकी
इंदौर। तुकोगंज स्थित सूफ़ी संत दादा पीर हज़रत नियाज़ अली शाह नक्शबंदी की दरगाह में मुस्लिम समुदाय के हज़ारों लोगों ने पवित्र मजार की ज़ियारत कर अकीदत के फूल पेश किए। हैदराबाद से सूफी हज़रत मीर मुज़तबा यजदानी बाबा के नेतृत्व मे हर साल की तरह इस साल भी सूफी रिवायतों (परम्पराओं) के मुताबिक कुल की फातिहा के बाद शाही चादर व अकीदत के फूल पेश करते मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी। इसके बाद यजदानी बाबा की तरफ से दिनभर लँगर-ए-आम चलता रहा। खादिम अनीस खान ने बताया सालाना उर्स में प्रमुख रूप से मुफ़्ती-ए-मालवा मौलाना नूरुलहक़ नूरी, मौलाना अनवर क़ादरी, कार्यपालन अधिकारी अशफाक हुसैन खजराना के अन्नू पटेल, महफूज़ पठान, डॉक्टर खलीक-उर-रेहमान, साजिद गुड्डू, साजिद रॉयल, फरहान कपाड़िया, असलम खान आदि का यजदानी बाबा ने सम्मान किया। इस दौरान उमर हैदराबादी, मिनहाज शरीफ, शानू भाई, जहाँगीर नवाब,अफसर हैदराबादी, सुल्तान रिज़वी सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद थे। संचालन अनीस खान ने किया। इस मौके पर मौलाना अनवार क़ादरी ने कहा हज़रत नियाज़ अली नक्शबंदी की तालीम पर अमल करें, क्योंकि-
तस्बीह के दानों को बिखरने नहीं देते।
ये जिसको बनाते हैं कभी बिगड़ने नहीं देते।।
शब-ए-मालवा की खूबसूरती को लौटाएं
देश के सबसे स्वच्छ शहर में पड़ रही रिकॉर्ड तोड़ गर्मी को लेकर फिक्र ज़ाहिर करते हुए हैदराबाद से पधारे सूफी मीर मुज़तबा यजदानी बाबा ने जायरीनों से आह्वान किया कि घर-आंगन में एक पेड़ ज़रूर लगाएं। यह समाज के लिए आपकी व्यक्तिगत भागीदारी होगी। क्योंकि पर्यावरण बचेगा, तो जिंदगियां महफूज़ रहेंगी। उन्होंने कहा कहा आने वाली पीढ़ियों के खातिर आबोहवा की बेहतरी के लिए अब क्लीन सिटी इंदौर को ग्रीन सिटी बनाने की ज़रूरत है। ताकि शब-ए-मालवा की कुदरती खूबसूरती वापस लौट सके।
बेहतरीन किरदार से मिलती है इज़्ज़त
हैदराबाद के मीर मुज़तबा यजदानी ने चर्चा करते हुए दादा पीर हज़रत नियाज़ अली नक्शबंदी के नक्शे कदम पर चलने की बात कही । उन्होंने कहा इज़्ज़त, दौलत, शोहरत या पॉवर से नहीं बनती, बल्कि बेहतरीन किरदार से इज़्ज़त बनती व मिलती है।
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