इंसानियत का पैगाम है, हर तरफ आम होना चाहिए : काजी मुश्ताक अली

  • भोपाल गंगा जमुनी तहजीब का गहवारा : मुफ्ती कलाम कासमी 
  • मोती मस्जिद में 3 दिवसीय सालाना इज्तीमा बराय पैगाम-ए-इंसानियत कार्यक्रम का आगाज 

✍️ खान आशु

भोपाल। इंसानों पर रहम करना सीख जाओ, अल्लाह तुम्हारे लिए रहमत के रास्ते खोल देगा। दुनिया में हमें भेजने का मकसद ही यही है कि हम एक दूसरे के काम आएं, सबकी भलाई सोचें, किसी की मुश्किल को अपनी इमदाद से दूर करने की कोशिश करें और सभी के लिए बेहतर ख्याल और व्यवहार रखें। हम दुनिया की कामयाबी की दौड़ में लगे हुए हैं लेकिन असल जिंदगी इस दुनिया के बाद है, उसकी तैयारी इन्हीं अखलाक से पूरी हो पाएगी।

काजी ए शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी ने यह बात कही। वे शुक्रवार को मोती मस्जिद में शुरू हुए 3 दिवसीय सालाना इज्तीमा बराय पैगाम ए इंसानियत कार्यक्रम का आगाज कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों की जरूरत अब इसलिए बढ़ी हुई है कि इंसान दुनिया की भागदौड़ में इंसानियत के तकाजे भूल गया है। इस्लाम की बेहतर बातें दीगर कौम और समुदाय तक भी पहुंचें, इसलिए भी ऐसे आयोजन जरूरी हैं। इस मौके पर मुफ्ती ए शहर अबुल कलाम खान कासमी ने कहा कि इजतिमाइयत (सामूहिकता) बेहतरी के रास्ते खोलती है। मिलजुल बैठना, मशविरा करना और अच्छी बातों का आदान प्रदान समाज के लिए अच्छे संकेत लाता है। उन्होंने कहा कि शहर भोपाल गंगा जमुनी तहजीब का गहवारा माना जाता रहा है। उम्मीद की जाना चाहिए कि इस बार के जुटने और इस इजतिमा से भी समाज के लिए नई दिशाएं निकलेंगी।

सादगी से हुए निकाह

3 दिवसीय आयोजन के पहले कार्यक्रम स्थल पर एक दर्जन से ज्यादा निकाह हुए। सादगी के साथ हुए इन निकाह से शादियों की आसानी का पैगाम दिया गया। काजी ए शहर और मुफ्ती ए शहर लंबे समय से शादियों में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने की मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि शादियों को जितना कम खर्चीला किया जाएगा, समाज में उतनी आसानियां पैदा होंगी। लड़कियों के बिना शादी के बैठे रहने और गरीब मां बाप के कर्जों से बचने के हालात बनना आसान हो जाएंगे।

दिए जवाब, जीते इनाम

आयोजन संस्था के मौलाना सैयद साद अली नदवी ने बताया कि मप्र मुस्लिम माइनोरिटीज एसोसिएशन और अन्य संस्थाओं के सहयोग से एक क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था। जिसमें शादीशुदा जिंदगी की कामयाबी पर आधारित प्रश्नावली तैयार की गई थी। इस क्विज में 18 से 35 आयु वर्ग के शादीशुदा मर्द और औरतें शामिल किए गए थे। शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में इस प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मौलाना साद अली ने बताया कि इस दौरान करीब एक लाख रुपए तक के इनाम बांटे गए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता का मकसद शादी के बाद पति पत्नी के रिश्तों को शरई तरीके से मजबूत रखना, तलाक जैसे हालात से लोगों को दूर रखना है।

दो दिन और चलेगा आयोजन

मौलाना सैयद साद अली नदवी ने बताया कि यह तीन दिवसीय आयोजन रविवार तक जारी रहेगा। इस दौरान शहर के उलेमा, शिक्षाविद और गणमान्य नागरिक अलग अलग विषयों पर अपनी बात रखेंगे।


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