सीएम राइज स्कूल प्राचार्य का आरोप - दलित होने की वजह से सता रहे पांच स्वर्ण शिक्षक..!

सीएम राइज स्कूल बाकानेर के प्राचार्य डॉ. गाथीये 

  • जाति सूचक शब्द बाणों से करते हैं वार, दबंग शिक्षकों का अत्याचार 

✍️सप्तग्रह रिपोर्टर 

मनावर (धार)। पूरे देश में गुरु पूर्णिमा उत्सव की धूम है और शासनादेश के बाद शिक्षा के मंदिरों में भी गुरु पूर्णिमा उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरुजनों एवं शिक्षकों का सम्मान किया जा रहा है। वहीं, गुरु पूर्णिमा के पहले शिक्षकों के नाम पर बट्टा लगाने वाली एक खबर सामने आई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि भारत जैसे महान देश को आखिर जातिवाद का दंश कब तक झेलना पड़ेगा ? आजादी के 77 साल बाद भी ग्रामीण भारत में जातिवाद का नाग न केवल फन फैलाये बैठा है, बल्कि लोगों को डस भी रहा है। मामला है धार जिले की शासकीय सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य डॉ. भागीरथ गाथीये का। जिन्होंने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मनावर थाना प्रभारी और बाकानेर पुलिस चौकी प्रभारी  को लिखित आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की है। प्राचार्य डॉ. भागीरथ ने आवेदन पत्र में लिखा है कि "मैं जब से सीएम राइज स्कूल बाकानेर प्राचार्य बना हूं तब से मुझे अनुसूचित जाति का होने की वजह से स्कूल स्टाफ के कुछ लोग गंदी राजनीति करते हुए बाहरी लोगों के साथ मिलकर परेशान कर रहे हैं और मेरी झूठी शिकायतें करवा रहे हैं। मेरे द्वारा सभी शिक्षकों से कहा गया है कि नियम अनुसार समय पर आएं और अपना परेड लें बच्चों की पढ़ाई करवाएं और समय पर जाएं,  लेकिन कुछ शिक्षकों को यह रास नहीं आ रहा है और वह गंदी राजनीति कर रहे हैंं। प्राचार्य डॉ. भागीरथ गाथीये ने शपथ पत्र के माध्यम से बताया कि मुझे शिक्षक असीम ठाकुर, एमयू कुरेशी,अनीता सोनी,विशाल वर्मा व बद्री सभी जाति सूचक शब्दों के साथ गाली-गलौज करते हैं, जिसकी शिकायत मेरे द्वारा की गई है। मुझे पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि जल्दी ही कार्रवाई होगी।"

प्राचार्य डॉ. गाथीये ने अपने शपथ पत्र में आगे लिखा है कि स्वर्ण समाज के 5 शिक्षक मुझ अनुसूचित जाति व्यक्ति के साथ अत्याचार कर रहे हैं और यह अत्याचार में सह रहा हूं। मेरे द्वारा लिखित में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है। प्राचार्य ने उम्मीद जताई कि "मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार से मुझे उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।" अपने ही स्कूल के शिक्षकों की दबंंगई से आहत प्राचार्य आगे लिखतेे हैं कि "शिक्षकों द्वारा इतनी लापरवाही बरती जा रही है कि रिजल्ट नाम मात्र का निकल रहा है। उनका इस ओर ध्यान नहीं है, वह सिर्फ गंदी राजनीति पर उतारू हैं।  मेरे स्कूल में लगभग 34 का स्टाफ है, सिर्फ 5 लोग बाहरी लोगों से मिलकर नेतागिरी कर रहे हैं और स्कूल का वातावरण दूषित कर रहे हैं।"  उक्त शिक्षकों की दबंंगई से त्रस्त दलित प्राचार्य डॉ. गाथीये ने स्पष्ट कर दिया है कि "मुझे और मेरे परिवार को कुछ होता है तो उक्त 5 शिक्षक और इनके बाहरी साथी लोग जिम्मेदार रहेंगे।" इस रिपोर्टर ने जब उक्त 5 शिक्षकों से पूछा तो उन्होंने कहा 2 शिक्षक तो जल्दी ही सेवा निवृत्त हो रहे हैं, हम सब निर्दोष हैं।

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