व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षा घोटाला मामले में दिग्विजय सिंह ने अदालत में दर्ज कराए बयान
- परिवहन विभाग के चयनित सिपाही, पटवारी व अन्य शासकीय भर्तियों की जांच के संबंध में भी लिखा था शिकायती पत्र
- मेरी शिकायत के पश्चात दर्ज हुए कई प्रकरण
✍️भोपाल से खालिद हफीज की रिपोर्ट
व्यापमं द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा घोटाला मामले में पूर्व मुखयमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपर सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना की कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए। अपने बयान में दिग्विजय सिंह ने बताया कि 'मेरे द्वारा दिनांक 6 अक्टूबर 2014 को एसटीएफ के तत्कालीन एडीजी सुधीर शाही को मेडिकल कॉलेजों में हुई गड़बड़ी के सबंध में पत्र लिखकर शिकायत की थी।' 'मेरे द्वारा तीन बिंदुओं के आधार पर शिकायत की गई थी। 1. ऐसे चयनित छात्र जिसके निवास- पते समान है 2. ऐसे प्रकरण जिनमें छात्रों ने कक्षा दसवीं -बारहवी की परीक्षा उत्तर प्रदेश बोर्ड से उत्त्तीर्ण की थी, उनके मूल निवासी प्रमाण पत्र संदिग्ध हैं। ऐसे प्रकरण जिनमें परीक्षा फार्म में लगाये गये फोटो और शीट आवंटन पत्र में चस्पा फोटो में भिन्नता थी। मैंने तीन बिंदुओं के अतिरिक्त परिवहन विभाग के चयनित सिपाही एवं पटवारी व अन्य शासकीय भर्तियों की जांच के संबंध में भी शिकायती पत्र लिखा था। 3. शिकायत के साथ मैंने पीएमटी परीक्षा घोटाले में बारहवीं पास उत्तर प्रदेश व मूल निवास मध्य प्रदेश के छात्रों की सूची भी भेजी थी । मैंने पीएमटी परीक्षा घोटाले में संदिग्ध पाये जाने वाले छात्रों की सत्यापित सूची भी भेजी थी । मेरी शिकायत के पश्चात कई सारे प्रकरण दर्ज हुये थे। एसटीएफ ने 6 दिसंबर 2022 को डॉक्टर शिव सिंह, डॉक्टर पंकज कुमार, डॉक्टर सीताराम और डॉक्टर सुनील सोनकर सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक धारा -420, 468, 471, 412, 170-बी भादवि के तहत केस दर्ज किया था।'
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