जीवन को सहज बनाता है क्षमा शब्द : नीरजा फौजदार
पर्वराज पर्यूषण के उपरांत भारतीय जैन संगठन एंव राष्ट्रीय महिला जागृति मंच ने सामूहिक रूप से क्षमावाणी पर्व का आयोजन मीनाक्षी परिसर में शुक्रवार को किया जिसमें सभी धार्मिक सदस्यों से बहुत ही विनम्रतापूर्वक हाथ जोड़कर एक दूसरे से साल भर की गई गलतियों के लिये क्षमा याचना की और सामूहिक क्षमा मॉंगी।
“ क्षमा हमारी सब जीवों से “
“ सब जीव हमको क्षमा करें “
“ बैर पाप निकाल हृदय से “
“प्रेम भाव सत्कार भरे “
नीरजा फौजदार ने कहा कि निश्चित ही क्षमा शब्द में वह शक्ति है जो जीवन को सहज बना देता है और मन में कोई राग द्वेष नहीं रहता। अनीता अरुण जैन कहा यह संस्कार हमारे जैन धर्म में ही सिखाये जाते हैं। रितु जैन कहा जब हम किसी से क्षमा मॉंगते हैं तो सामने वाला भी सहज हो जाता है और हमारे प्रति उसके भाव निर्मल हो जाते हैं। शारदा जैन ने कहा हमारे दस लक्षण धर्म हमको धर्म करना सीखाते हैं। अनीता आर एल जैन ने कहा साल में तीन बार दस लक्षण धर्म आते हैं। हम सभी को तीनों बार ही इनका पालन करना चाहिये। जयंती जैन ने जैन धर्म को सर्वोपरि बताया कि जैन धर्म में सही धर्म का मर्म छुपा है।
क्षमा वाणी आयोजन में नीरजा फौजदार, अनीता अरुण जैन, रितु जैन, अर्चना सिघई , मोनिषा जैन, शारदा जैन, अंजना गोयल, अनीता आर एल जैन, जयंती जैन, रिती जैन, राशि जैन, संजना जैन, सुनीता जैन, उषा गुप्ता, रीना रीतेश जैन, रीना रत्नेश जैन, रेखा गोयल, भावना जैन आदि उपस्थित थीं। अंत में मोनिषा जैन एंव भावना जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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