संविधान हमारे देश के लोकतंत्र की रीढ़ है : डॉ कामिनी जैन
- विधिक साक्षरता शिविर का हुआ आयोजन
✍️नर्मदापुरम से राजीव रोहर की रिपोर्ट
शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर अग्रणी महाविद्यालय नर्मदापुरम की एनएसएस एवं स्वामी विवेकानंद केरियर मार्गदर्शन के संयुक्त तत्वाधान में प्राचार्य डॉ कामिनी जैन के मार्गदर्शन एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हर्षा चचाने, किरण विश्वकर्मा, डॉ. रागिनी सिकरवार के सहयोग से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम सिविल जज सीनियर डिवीज़न जिला न्यायालय से उपस्थित मुख्य वक्ता शिवचरण पटेल का स्वागत प्राचार्य द्वारा पौधा भेंट कर किया गया। प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने छात्राओं को बताया कि भारत का संविधान हमारे देश के लोकतंत्र की रीढ़ है, जिसमें अधिकारों के साथ कर्तव्य भी है। जो निरंतर याद दिलाते हैं कि हम सभी की देश समाज के प्रति जि़म्मेदारियॉ है तथा देश के विकास में हमेशा सहभागी बन योगदान देना चाहिए।
इस अवसर पर सिविल जज से शिवचरण पटेल ने छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक जि़ले में विधिक सेवा प्राधिकरण बनाया गया है। यह समाज के कमज़ोर वर्गों को मुख्य क़ानूनी सेवा देने और विवादों को सुलझाने हेतु किया गया है। उन्होंने संविधान में वर्णित मूल अधिकार एवं मौलिक कर्तव्यों को बहुत ही सार गर्भित तरीक़े से छात्राओं को बताया तथा कर्तव्यों का पालन करने हेतु कहा। समाज व राज्य द्वारा आपसे जो कार्य करने को करने की अपेक्षा की जाती है। वही कर्तव्य है भारतीय संविधान में स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बंधुत्व को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आपने बेहतर तरीक़े से प्रस्तुत कर बताया कि हम जि़म्मेदार नागरिक बन कर नैतिक दायित्व का निर्वहन राष्ट्रीय कल्याण में किस प्रकार दे सकते हैं। पंखुरी लीगल एडवाइज़र द्वारा बाल संरक्षण के संबंध में पॉस्को एक्ट के अंतर्गत विस्तृत रूप से बताया। डॉ. हर्षा चचाने द्वारा कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार डॉ. रागिनी सिकरवार द्वारा किया गया, इस अवसर पर डॉ. रफीक़ एवं छात्राएँ उपस्थित रहीं।
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