उपचुनाव की चुनौती और कांग्रेस में इस्तीफों की आतिशबाजी
- आठवां झटका, अब दीपक जोशी ने छोड़ा दामन
- नहीं रुक रहा जीतू पटवारी के कुनबे का बिखराव
💻समाचार विश्लेषण : ✍️नौशाद कुरैशी
सबसे बड़े त्यौहार दीपावली की आतिशबाजी भले ही समाप्त हो गई, लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस में इस्तीफों की आतिशबाजी जारी है। गुरुवार को भी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। जोशी एक बार फिर से भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बुधनी विधानसभा क्षेत्र के नांदनेर में भाजपा की सदस्यता ली है। मालूम हो कि विधानसभा चुनाव से पहले दीपक जोशी कमलनाथ की मौजदूगी में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर खातेगांव सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। प्रदेश में विजयपुर व बुधनी विधानसभा सीट के उपचुनाव की चुनौती के बीच कांग्रेस नेताओं के इस्तीफों से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।
बता दें कि लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने नई कार्यकारिणी की घोषणा की, लेकिन नई टीम के सामने आने के बाद से ही कई वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी भी सामने आ चुकी है। कांग्रेस ने दो सूची में 335 सदस्यों वाली जम्बो प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की, लेकिन नेताओं का संतुलन नहीं बना पाई। अभी तक इंदौर, भोपाल, मालवा और विंध्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता असंतोष जाहिर कर चुके हैं, जबकि 8 नेता इस्तीफे दे चुके हैं। पूर्व मंत्री जोशी के पहले सतना की रैगांव विधानसभा की पूर्व विधायक कल्पना वर्मा भी अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ने की कोई बात नहीं की है।
बता दें कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के 300 से भी ज्यादा दिन बाद कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा की थी। लंबे समय से प्रदेश कार्यकारिणी का इंतजार कर रहे कार्यकर्ताओं को कार्यकारिणी की घोषणा के बाद निराशा हुई और कई लोगों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
पूर्व विधायक कल्पना वर्मा ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को पत्र लिखा है कि वे प्रदेश कांग्रेस में कई बड़े पदों पर रह चुकी हैं और उनका मानना है कि जो मौका उन्हें दिया गया है वह उनके क्षेत्र के किसी दूसरे कार्यकर्ता को मिलना चाहिए। कल्पना वर्मा को जीतू पटवारी ने अपनी कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बनाया था। पटवारी की कार्यकारिणी पर असंतोष जताने वाले नेता मालवा से ही सबसे पहले सामने आए। इंदौर के पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने न सिर्फ पद से इस्तीफा दिया बल्कि पार्टी भी छोड़ दी।इसी तरह अमन बजाज, अफसर पटेल ने भी इस्तीफा देते हुए नाराजगी जाहिर की है। पूर्व महासचिव राम लखन दंडोतिया ने भी इस्तीफा दे दिया। बहरहाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। एक ओर दो विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव, तो दूसरी तरफ पार्टी में इस्तीफों की आतिशबाजी ने पटवारी के लिए खतरे की घंटी बजा रखी है, क्योंकि कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अजय सिंह तथा नकुलनाथ को टीम में सम्मानजनक स्थान देने के बाद भी असंतोष थमने के बजाए बढ़ गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वरिष्ठ नेताओं के चक्रव्यूह में फंसे पटवारी इन चुनौतियों से कैसे पार पाते हैं।
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