नेशनल लोक अदालत में 2.75 करोड़ के अवार्ड पारित, 3.22 करोड़ की राशि वसूली
मनावर, सैयद रिजवान अली – मनावर तहसील में 14 दिसंबर 2024 को आयोजित वृहद नेशनल लोक अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया के वैकल्पिक और सम्मानजनक समाधान के तहत महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। तहसील के विभिन्न न्यायालयों में चल रहे कुल 198 दांडिक एवं सिविल प्रकरणों का सुलह-समझौते के आधार पर निराकरण किया गया। इस दौरान बैंक, विद्युत कंपनी, नगर पालिका परिषद आदि के 356 मामलों में ₹3,22,48,433 की वसूली हुई, जबकि मोटर दुर्घटना दावों सहित विभिन्न प्रकरणों में ₹2,75,37,508 के अवार्ड पारित किए गए।
दिनभर रही अदालत परिसर में चहल-पहल
शनिवार को सिविल न्यायालय तहसील परिसर में पक्षकार सुबह से ही न्यायालय पहुंचने लगे। न्यायालय द्वारा सुझाए गए समाधान और पक्षकारों की सहमति से विवादों को सुलझाया गया।
- मोटर दुर्घटना मामलों में सफलता:
सबसे अधिक ₹1,73,93,900 के अवार्ड मोटर दुर्घटना के 57 मामलों में पारित हुए।
- अन्य प्रकरणों का निपटारा:
चेक अनादरण: 45 मामले।
विद्युत कंपनी: 19 मामले।
नियमित दांडिक: 78 मामले।
पारिवारिक विवाद: 7 मामले।
अन्य सिविल एवं दांडिक मामले।
खण्डपीठ की भूमिका
अदालत परिसर में पांच खण्डपीठ ने सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कार्य किया। इनमें निम्नलिखित पीठासीन अधिकारियों और अधिवक्ताओं की विशेष भूमिका रही:
- पीठासीन अधिकारी:
°श्री भूपेंद्र नकवाल
°श्री अमित भूरिया
°श्री नरेंद्र कुमार भंडारी
°श्री कृष्णा वोहरा
°सुश्री रूही एजाज मेव
- सहायक अधिवक्ता:
°राहुल जौहरी
°श्रीमती पुष्पा पाटीदार
°श्रीमती पूजा राठौर
°सन्नी पाटीदार
°सुश्री पुष्पा कन्नौज
हितग्राहियों के लिए विशेष पांडाल
बैंक, सहकारी साख संस्थाएं, विद्युत कंपनी और नगर पालिका परिषद ने हितग्राहियों के लिए विशेष पांडाल लगाए, जहां लोगों ने अपनी शिकायतों का समाधान कराया।
विशेष योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में अभिभाषक संघ, विद्युत कंपनी के अधिवक्ताओं, और स्थानीय अधिकारियों का विशेष सहयोग रहा।
- प्रमुख योगदानकर्ता:
°अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री युसूफ खान
°उपाध्यक्ष श्री मुकेश शर्मा
°एजीपी श्री बसंत कुमार उदासी
अधिवक्ता श्री हिमांशुचंद्र भक्त, श्री व्हाय एस तोमर, श्री अमित गुप्ता, श्री सुखलाल पाटीदार आदि।
आभार व्यक्त
तहसील विधिक सेवा समिति और अभिभाषक संघ ने सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम ने वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रिया को नई दिशा दी और न्यायिक प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने का उदाहरण पेश किया।
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