भोपाल: मां दुर्गा की प्रतिमा तोड़ने की घटना पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जताया दुख, मूर्ति पुनः स्थापित कराने का ऐलान
✍️नौशाद कुरैशी
भोपाल (मध्य प्रदेश)। राजधानी भोपाल के हबीबगंज थाना क्षेत्र में देवी दुर्गा की प्रतिमा खंडित होने के मामले ने सभी को झकझोर दिया है। यह घटना मंगलवार को वार्ड-45 स्थित मंदिर में घटित हुई, जहां एक पारिवारिक विवाद ने धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई। शराब के नशे में धुत्त विजय बाथम ने पत्नी के साथ झगड़े के दौरान दुर्गा प्रतिमा को पत्थर से तोड़ दिया। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
विधायक आरिफ मसूद का दौरा और मूर्ति स्थापना का वादा
घटना की जानकारी मिलने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद बुधवार को मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और घटना पर अफसोस जताया। विधायक ने जयपुर से नई दुर्गा प्रतिमा मंगवाकर मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करवाने का वादा किया। उन्होंने कहा, "यह घटना बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। यह एक पारिवारिक विवाद का मामला था, लेकिन इसके चलते धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई गई है।"
मसूद ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में सामान्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जबकि यह घटना धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
घटना का पूरा विवरण
जानकारी के अनुसार, आरोपी विजय बाथम की मां मंदिर की देखरेख करती थीं। विजय, जो आदतन अपराधी है, शराब के नशे में पत्नी से पैसे मांग रहा था। पैसे न मिलने पर दोनों के बीच झगड़ा बढ़ गया और गुस्से में विजय ने मंदिर की दुर्गा प्रतिमा को पत्थर से तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है और सख्त धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की है। आरोप है कि विजय इससे पहले भी मंदिर की दानपेटी लेकर भाग चुका है।
स्थानीय समुदाय का आक्रोश और विधायक का आश्वासन
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि विजय के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इस गंभीर मामले को हल्के में लिया है।
विधायक आरिफ मसूद ने कहा, "मैं पुलिस अधिकारियों से बात करूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि आरोपी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक है। इसे फिर से स्थापित कर, प्राण प्रतिष्ठा कराना मेरा दायित्व है।"
धार्मिक सौहार्द का उदाहरण
आरिफ मसूद के इस कदम को धार्मिक सौहार्द का प्रतीक माना जा रहा है। उन्होंने सर्वधर्म समभाव की मिसाल पेश करते हुए मंदिर में मूर्ति पुनः स्थापित कराने का ऐलान किया है। स्थानीय लोग उनके इस कदम की सराहना कर रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल, पुलिस ने विजय बाथम को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच चल रही है। स्थानीय लोगों की शिकायतों के आधार पर पुलिस ने मामले में धाराएं बढ़ाने का आश्वासन दिया है। वहीं, विधायक मसूद के नेतृत्व में मंदिर में मूर्ति की पुनः स्थापना की तैयारी शुरू हो गई है।
यह घटना न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है, बल्कि यह सवाल खड़ा करती है कि ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित कर धार्मिक स्थलों की पवित्रता कैसे बनाए रखी जाए।
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