भ्रष्टाचार उजागर करने से बौखलाए सरपंच और सचिव, पत्रकार पर जानलेवा हमला, हालत नाजुक
घटना का विवरण:
संतोष चौहान, जो धार न्यूज़ और ग्लोबल इंडिया चैनल के पत्रकार हैं, ने भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों को उजागर करने के लिए लगातार खबरें प्रकाशित की थीं। विशेष रूप से, उन्होंने ग्राम पंचायत कलाल्दा में हो रहे स्टॉप डेम निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य का पर्दाफाश किया। इस कारण पंचायत सरपंच और सचिव को भारी नुकसान झेलना पड़ा। इसी वजह से सरपंच राधेश्याम पटेल और उनके सहयोगियों ने मिलकर पत्रकार संतोष चौहान और उनके साथी कुंवर सिंह पर हमला किया।
हमले के दौरान, उन्हें न केवल बुरी तरह मारा-पीटा गया, बल्कि बंदी बनाकर कंक्रीट रोलर में डालने का भी प्रयास किया गया। ग्रामीणों की सतर्कता और हस्तक्षेप से उनकी जान बचाई जा सकी। इस घटना में दोनों घायल हुए और उनके मोबाइल, प्रेस आईडी, और नगदी जला दी गई।
प्रश्न उठता है:
यह हमला केवल एक पत्रकार पर नहीं, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जड़ों पर चोट है। भारत के संविधान ने सभी को स्वतंत्रता और समानता का अधिकार दिया है, लेकिन भ्रष्टाचारियों और राजनेताओं द्वारा इसे कुचलने के प्रयास लगातार हो रहे हैं।
आवश्यकता:
सुरक्षा की गारंटी: पत्रकारों के लिए एक सख्त सुरक्षा कानून की आवश्यकता है ताकि वे बेखौफ होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।
कठोर कार्रवाई: दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
मीडिया एकजुटता: प्रेस क्लब और मीडिया संगठनों को इस घटना के विरोध में एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।
यह घटना केवल संतोष चौहान की नहीं, बल्कि पूरी पत्रकारिता और लोकतंत्र के लिए एक चेतावनी है। इसे लेकर समाज और सरकार को मिलकर कार्यवाही करनी होगी ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को हिम्मत और सुरक्षा मिल सके।
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