धार के पत्रकारों का आक्रोश: साथी पत्रकार पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
- पत्रकारों की चेतावनी: आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे व्यापक आंदोलन
✍️सप्तग्रह रिपोर्टर
भोपाल। धार जिले में पत्रकारों पर जानलेवा हमले की घटनाओं के खिलाफ धार जिला पत्रकार संघ ने जोरदार विरोध दर्ज कराया। उमरबन के पत्रकार संतोष चौहान पर हुए प्राणघातक हमले को लेकर जिले के पत्रकारों ने पं. छोटू शास्त्री के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग का ज्ञापन सौंपा। संघ ने स्पष्ट किया कि पत्रकारिता, जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, पर इस तरह के हमले असहनीय हैं।
पत्रकार पर हमला: घटनाक्रम
पत्रकार संतोष चौहान पर हमला उस समय हुआ, जब वह ग्राम पंचायत कल्लादा में कवरेज कर रहे थे। आरोप है कि सरपंच राधेश्याम पटेल, सचिव मुन्नालाल रावत और उनके 10 अन्य साथियों ने उन्हें दो घंटे तक बंधक बनाकर मारपीट की। गंभीर रूप से घायल संतोष चौहान को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना ने धार के पत्रकारों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है।
एसपी को ज्ञापन और कार्रवाई की मांग
वीडियो यहां देखिए-
संतोष चौहान पर हुए हमले को लेकर बड़ी संख्या में धार के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकार एसपी कार्यालय पहुंचे। पं. छोटू शास्त्री ने पुलिस अधीक्षक से ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि सरपंच राधेश्याम पटेल, सचिव मुन्नालाल और उनके अन्य साथियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि सामान्य धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर में जानलेवा हमले की धाराओं को शामिल किया जाए।
जिला पत्रकार संघ का बयान
जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष पं. छोटू शास्त्री ने कहा, "यह हमला केवल संतोष चौहान पर नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकारिता के चौथे स्तंभ पर हमला है। माफियाओं द्वारा पत्रकारों को डराने-धमकाने की यह प्रवृत्ति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के हमले न हों।"
पत्रकारों की एकजुटता
ज्ञापन सौंपने के दौरान बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे। इनमें पं. छोटू शास्त्री, राकेश साहू, अमर वर्मा, कपिल तिवारी, जसप्रीत डंक, सैयद रफीउद्दीन, प्रवीण उज्जैनकर, कमल सोलंकी, दिनेश मीनारें और अन्य प्रमुख पत्रकार शामिल थे। ज्ञापन का वाचन राकेश साहू ने किया।
प्रमुख मांगें
1. आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी।
2. एफआईआर में जानलेवा हमले की धाराओं को जोड़ा जाए।
3. भविष्य में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि समय पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो वे इस मुद्दे पर व्यापक आंदोलन करेंगे।
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