वन समितियों के हितों पर चोट: विध्य हर्बल के प्रोडक्शन मैनेजर पर रॉ मटेरियल में अनियमितता के गंभीर आरोप



✍️नौशाद कुरैशी (📱9424002407) 

भोपाल (मध्य प्रदेश)। लघु वनोपज संघ के प्रसंस्करण केंद्र, बरखेड़ा पठानी स्थित विध्य हर्बल MFP एवं PARCJ में पदस्थ प्रोडक्शन मैनेजर मणि शंकर मिश्रा पर वन समितियों के रॉ मटेरियल की खरीद-फरोख्त में अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि मिश्रा ने निजी फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए संघ के नियमों का उल्लंघन किया।

वन समितियों को नुकसान, निजी फर्मों को लाभ

सूत्रों के अनुसार, मिश्रा और गोदाम प्रभारी चंद्र भान खाकरे ने निजी फर्म अदिती ट्रेडिंग कंपनी (धौलपुर, राजस्थान) से बहेड़ा और वलापंचांग जैसे रॉ मटेरियल महंगे दामों पर खरीदे, जबकि यह सामग्री स्थानीय वन समितियों से सस्ते दामों में उपलब्ध हो सकती थी।

प्रयोगशाला की अनदेखी

सूत्रों का दावा है कि विध्य हर्बल की प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने खरीदी गई सामग्री को गुणवत्ता परीक्षण में असफल घोषित किया था। इसके बावजूद मिश्रा के कथित दबाव पर रात के समय ट्रक (वाहन क्रमांक: UP16 DT 9858) से इस सामग्री को गोदाम में उतारा गया।

वन समितियों के हितों पर प्रभाव

बताया जाता है कि वन समितियों से आमला, हरड़ा, बहेड़ा, नागरमोथा, और अन्य जड़ी-बूटियों की खरीद लंबे समय से हो रही है। सरकारी नियमों के अनुसार, इन सामग्रियों की खरीद प्राथमिकता से स्थानीय समितियों से की जानी चाहिए। लेकिन निजी फर्म से खरीदी कर संघ ने न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि वन समितियों के आर्थिक हितों को भी नुकसान पहुंचाया।

CEO ने लिया संज्ञान, मिश्रा छुट्टी पर

सूत्रों के अनुसार संघ के CEO ने मिश्रा की कथित गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए। इसके बाद मिश्रा ने अवकाश पर जाने का निर्णय लिया। हालांकि, यह कदम अनियमितताओं को उजागर करने में पर्याप्त नहीं माना जा रहा है।

संघ की भूमिका पर सवाल

बता दें कि संघ का प्राथमिक उद्देश्य वन समितियों और स्थानीय समुदायों के हितों की रक्षा करना है। इस तरह की अनियमितताओं से संघ की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं।

मामले की जांच की मांग

वन समितियों और स्थानीय संगठनों ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। यदि जांच सही तरीके से की गई, तो यह मामला संघ के भीतर चल रही गंभीर अनियमितताओं को उजागर कर सकता है। इस घटना ने वन समितियों और संघ के बीच विश्वास को कमजोर किया है। अब देखना होगा कि संघ इस प्रकरण पर कैसे कदम उठाता है और दोषियों पर कार्रवाई करता है।

क्या बोले एसडीओ

"मैं पिछले एक महीने से बीमार हूं और मेडिकल लीव पर हूं। फिलहाल प्रियंका बाथम मेडम कार्यभार संभाल रही हैं।"

  • मणिशंकर मिश्रा, प्रोडक्शन मैनेजर 

             विध्य हर्बल MFP एवं PARCJ

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