भोपाल: नवविवाहिता को दहेज प्रताड़ना का मामला: पति, सास और ननदों के खिलाफ चालान पेश, जमानत पर रिहा
भोपाल। थाना कोहेफिजा क्षेत्र में एक नवविवाहिता को दहेज में बाइक की मांग को लेकर प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में पुलिस ने आरोपी पति अबरार खान, सास मुमताज, और ननदें नाजमा तथा रेहाना के खिलाफ आरोप पत्र (चालान) अदालत में पेश किया है। पुलिस द्वारा जांच पूरी करने के बाद प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।
जमानत आवेदन पर सुनवाई
एडवोकेट खालिद हफीज़ |
आरोपियों की ओर से खालिद हफीज एडवोकेट ने अदालत में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि आरोपियों को इस मामले में झूठा फंसाया गया है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। आरोपियों को निर्दोष बताते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में आदेश दिया कि सभी आरोपियों को 15-15 हजार रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि के मुचलके पर रिहा किया जाए।
मामले का विवरण
थाना कोहेफिजा पुलिस के अनुसार, फरियादिया श्रीमती तसलीम खान का विवाह 27 फरवरी 2022 को आरोपी अबरार खान के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही दहेज में बाइक की मांग को लेकर पीड़िता को परेशान किया जाने लगा। केवल 15 दिनों के भीतर ही सास, ननदें और पति ने उसे ताने मारने और प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू कर दिया।
पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, जिसके चलते वह काफी तनाव में रहने लगी। आखिरकार, परेशान होकर उसने 1 मई 2024 को थाना कोहेफिजा में पति अबरार खान, सास मुमताज और ननदों नाजमा व रेहाना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस कार्रवाई और अदालत में मामला
उल्लेखनीय है कि पुलिस ने मामले की जांच के दौरान सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाए और अदालत में चालान पेश कर दिया। जांच में यह तथ्य सामने आया कि दहेज की मांग के साथ-साथ पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था।
बता दें कि अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए फिलहाल आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया, लेकिन प्रकरण की सुनवाई जारी रहेगी। मामले को लेकर आगे की कार्यवाही न्यायालय के आदेश पर निर्भर करेगी।
समाज में दहेज प्रथा का असर
इस प्रकरण ने एक बार फिर दहेज प्रथा के कारण महिलाओं को हो रही प्रताड़ना की ओर ध्यान आकर्षित किया है। यह मामला उन चुनौतियों को उजागर करता है, जिनका सामना दहेज प्रथा की कुप्रथा के कारण नवविवाहिताओं को करना पड़ता है। पुलिस और न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, जो समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
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